
अमर भारती ब्यूरो, देवरिया
देवरिया जिले के बघौचघाट थाना क्षेत्र में एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। गांव के दबंगों ने अपने भाई की मदद से 1 सितंबर 2025 को नाबालिक लड़की को अगवा कर लिया और 6 दिनों तक उसके साथ दुराचार किया। इस दौरान आरोपियों ने पीड़ित परिवार को धमकाकर कार्रवाई न करने का दबाव बनाया। पीड़िता की दिव्यांग मां ने 3 सितंबर को बघौचघाट थाने में शिकायत दर्ज की, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। 6 सितंबर को आरोपियों ने लड़की को थाने के बाहर छोड़कर फरार हो गए, लेकिन थाने ने मुकदमा दर्ज करने के बजाय आरोपियों को बचाने का प्रयास किया।
दिव्यांग माता-पिता की बेबसी का फायदा
पीड़िता के माता-पिता दोनों ही दिव्यांग हैं—मां दोनों आंखों से अंधी है, जबकि पिता दोनों हाथों से अक्षम। स्थानीय दबंग महिला ने अपने रिश्तेदारों और भाई देवेंद्र कुशवाहा (निवासी घाट बंधौरा, थाना विजयपुर, जिला गोपालगंज, बिहार) की मदद से नाबालिक को अगवा किया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया। घटना के बाद भी परिवार को लगातार धमकियां दी जा रही हैं, जिसमें उनकी छोटी बच्ची और अन्य बच्चों को जान से मारने की धमकी शामिल है।
थाने की निष्क्रियता, एसपी से गुहार
पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी गरीबी और बेबसी का फायदा उठाया गया। थाने में शिकायत के बावजूद तीन दिन बाद 6 सितंबर को लड़की को तो बरामद कर लिया गया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक-हारकर पीड़िता ने 8 और 9 सितंबर को पुलिस अधीक्षक (एसपी) से न्याय की गुहार लगाई। एसपी ने थाने को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया, लेकिन खबर लिखे जाने तक बघौचघाट थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।
सवाल समाज और व्यवस्था पर
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज की संवेदनशीलता को भी कटघरे में खड़ा करती है। क्या सिर्फ मुकदमा दर्ज होने से दिव्यांग पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा, या समाज को आगे आकर ऐसे अपराधियों के खिलाफ एकजुट होना होगा? यह यक्ष प्रश्न हम सबके सामने है।