सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा रहा प्राथमिक विद्यालय

ना सरकार का डर, ना बच्चों के भविष्य की चिंता — घर बैठे ले रहे वेतन

अमर भारती ब्यूरो।
मदनपुर, देवरिया। नगर पंचायत मदनपुर में शिक्षा व्यवस्था लगातार बदतर होती जा रही है। इसका कारण सरकारी अध्यापकों की लापरवाही और जिम्मेदारों की उदासीनता है। स्थानीय लोगों में आक्रोश इस बात को लेकर है कि ऐसे अध्यापक न तो सरकार का डर मानते हैं और न ही बच्चों के भविष्य की चिंता करते हैं। वे घर बैठे मुफ्त में वेतन उठा रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला नगर मदनपुर द्वितीय में देखने को मिला, जहां दोपहर एक बजे प्राथमिक विद्यालय बंद मिला। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यहां के शिक्षक अपनी मनमानी से आते-जाते हैं और विद्यालय को समय से पहले बंद कर देते हैं।

लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार जहां शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर विद्यालयों का आए दिन बंद होना और शिक्षकों का लापरवाह रवैया सर्व शिक्षा अभियान की विफलता को उजागर करता है। ऐसे शिक्षक बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने में लगे हैं।

प्रधानाचार्य का बयान
नगर पंचायत मदनपुर द्वितीय के प्रधानाध्यापक किशोर कुमार ने बताया कि विद्यालय पर कुल पाँच लोगों की तैनाती है। वे ट्रेनिंग के लिए आए हुए हैं और बाकी अध्यापक कहाँ चले गए, इसकी जानकारी नहीं है। विद्यालय समय से पूर्व क्यों बंद हुआ, यह भी स्पष्ट नहीं हो सका।

बीईओ की प्रतिक्रिया
खंड शिक्षा अधिकारी (रुद्रपुर) राज किशोर सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। इसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

बीएसए का नहीं उठा फोन
बंद विद्यालय के मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव से संपर्क करने का प्रयास किया गया। राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अमर भारती ने कई बार उनके सीयूजी नंबर पर कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

यह घटना जिम्मेदार अधिकारियों और शिक्षकों की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो देश का भविष्य कैसे सुरक्षित हो पाएगा?