मनमानी से तंग, लामबंद हुए बोरिंग टेक्निशियन कर्मचारी

कुशीनगर। उर्दू अनुवादक मोहम्मद कासिम के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोपों के चलते कुशीनगर जिले के बोरिंग टेक्निशियन कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। कासिम ने 25 वर्षों तक महराजगंज में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए तमाम अनियमितताएँ कीं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई।

महाराजगंज के विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने 01 जनवरी 2023 को मुख्य सचिव लघु सिंचाई विभाग लखनऊ को पत्र भेजकर कासिम को अनुशासनहीनता और कर्मचारियों में राजनीति फैलाने के आरोपों के कारण अन्य वृत्त में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। इसके अलावा, विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह पनियरा ने अक्टूबर 2022 में उनकी अनियमितताओं की शिकायत की थी।

हालांकि, वर्ष 2024-25 में कासिम का तबादला कुशीनगर जिले में कर दिया गया। जिलाधिकारी महाराजगंज ने 29 सितंबर 2022 को स्पष्ट रूप से मुख्य अभियंता लघु सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि कासिम का स्थानांतरण अन्य वृत्त में किया जाए। बावजूद इसके, कासिम ने अपने प्रभाव और संबंधों का इस्तेमाल कर अपने गृह जनपद कुशीनगर में ही ड्यूटी तय करा ली।

कर्मचारियों का आरोप है कि कासिम बिना धनादोहन के कोई काम नहीं करते और अपने गृह जनपद में रहते हुए भी 14 ब्लॉकों में 10 ब्लॉकों का कार्य देख रहे हैं, जबकि बाकी 4 ब्लॉक अन्य बाबुओं को सौंपे गए हैं। उनके इस रवैये से कर्मचारी बोरिंग टेक्निशियन संघ के माध्यम से लामबंद हो गए हैं।

एसोसिएशन ने जल शक्ति मंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव लखनऊ, मण्डलायुक्त गोरखपुर, जिलाधिकारी कुशीनगर और मुख्य अभियंता लघु सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर मोहम्मद कासिम के भ्रष्टाचार की जांच कर ठोस कार्यवाही करने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार, कासिम की ड्यूटी स्थल और उनका घर केवल चार किलोमीटर की दूरी पर है, जो नियमों के खिलाफ है।

एसोसिएशन के संरक्षक प्रभुनंदन उपाध्याय, अध्यक्ष उदयभान विश्वकर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष झल्लू राम और उपाध्यक्ष विजय सिंह ने कहा कि कर्मचारी कासिम के भ्रष्टाचार और मनमानी के खिलाफ आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। कर्मचारियों का मानना है कि उचित जांच और कार्रवाई से ही विभागीय कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाई जा सकती है।