
मल्लावां (हरदोई)। नगर में भूमाफिया द्वारा ट्रस्ट की आड़ में लोगों की जमीनों पर कब्जा करने और बने हुए मकानों को तोड़कर घरों में रखे कीमती सामान को दिनदहाड़े उठा ले जाने की घटनाओं ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित की शिकायत के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होना वर्तमान भाजपा सरकार में भू माफियाओं के हावी होने की ओर इशारा करता है।
लखनऊ निवासी और मूल रूप से मोहल्ला बाजीगंज के ज्ञानेश्वर शुक्ला ने मल्लावां थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि 14 सितंबर की सुबह करीब 9 बजे इंद्रपाल उर्फ अशोक पुत्र चंद्रिका, मनीष पुत्र श्रीपाल कनौजिया, पीयूष पुत्र रामावतार, हर्ष उर्फ हरशु, बेबी पत्नी पीयूष और दीपू राठौर पुत्र सोनेलाल राठौर ने जेसीबी लगवाकर महाराज लोकेश्वर की गद्दी पर बने भवन, वेद मंदिर का चबूतरा, संस्कृत महाविद्यालय छात्रावास, उनके पूर्वजों का कच्चा मकान, हैंडपंप, प्याऊ और कुएं को ध्वस्त कर दिया। इसी दौरान दरवाजे, चौखट, धन्नी और अन्य कीमती सामान भी उठा ले गए।
ज्ञानेश्वर शुक्ला ने आगे बताया कि 15 सितंबर की शाम 5 बजे उपरोक्त लोग दोबारा जेसीबी लेकर आए और शेष बचे हुए भवन को तोड़ दिया। इस दौरान सांसद निधि से बने जय रत्न अन्नपूर्णा सरस्वती विद्या मंदिर के कक्ष को भी ध्वस्त कर उसमें रखा कीमती सामान और लोहे की ग्रिल उठा ले गए। इससे पहले 30 अगस्त को भी विद्यालय भवन का करीब 10 कुंतल वजनी लोहे का गेट गिराकर उठा लिया गया था।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इंद्रपाल उर्फ अशोक हिस्ट्रीशीटर भू माफिया है और उसका पुत्र विजय प्रकाश, जो वकील है, कानूनी पेंचों का सहारा लेकर अपराधों में सहयोग करता है। उल्लेखनीय है कि संस्कृत महाविद्यालय सन 1758 से इस परिसर में स्थापित और संचालित है। ज्ञानेश्वर शुक्ला का कहना है कि इस परिसर को न तो किसी राजा, अंग्रेज हुकूमत और न ही स्वतंत्रता के बाद कभी किसी प्रशासन ने नुकसान पहुँचाया, लेकिन आज भू माफियाओं ने जेसीबी चलवाकर ध्वस्त कर दिया।