Navaratri: भारत में कहाँ होती है सबसे खास नवरात्रि?

Navaratri: भारत में नवरात्रि नौ दिन और नौ रातें जब पूरा देश मां दुर्गा की भक्ति में डूब जाता है। लेकिन सवाल है, इस विशाल देश में सबसे खास नवरात्रि कहाँ होती है, गुजरात का गरबा, बंगाल की दुर्गा पूजा या उत्तर भारत की रामलीला? चलिए इस सफर पर जहाँ संस्कृति, आस्था और उत्सव मिलते हैं।

Navaratri: नवरात्रि, गरबा VS दुर्गा पूजा VS रामलीला, असली रंग कहाँ?

गरबा की शुरुआत मां अम्बा की पूजा से हुई। गरबा का मतलब ही है ‘गर्भ दीप’,मां शक्ति का प्रतीक। पहले गाँवों में दीपक के चारों ओर महिलाएँ नाचती थीं। आज ये परंपरा पूरी दुनिया में मशहूर है। आज गरबा सिर्फ गुजरात का नहीं, बल्कि ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। यूनिवर्सिटी कैंपस से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मंच तक, लोग गरबा खेलते हैं।

बंगाल की दुर्गा पूजा
कोलकाता के कुम्हारटोली में कारीगर महीनों पहले से प्रतिमाएँ गढ़ना शुरू कर देते हैं। मिट्टी गंगा से लाकर देवी को आकार दिया जाता है। हर साल पंडालों की थीम ही आकर्षण का केंद्र होती है। कोई पर्यावरण का संदेश देता है, कोई ऐतिहासिक धरोहर की झलक। 2021 में यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को Intangible Cultural Heritage का दर्जा दिया। अब ये उत्सव वैश्विक मंच पर भी पहचान बना चुका है।

उत्तर भारत की रामलीला
रामलीला की शुरुआत तुलसीदास काल से मानी जाती है। ये केवल नाटक नहीं, बल्कि शिक्षा और धर्म का मंच है। दसवें दिन रावण दहन अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक है। यही संदेश हर पीढ़ी तक पहुँचता है, इसी के साथ इस बार नवरात्रि कुछ खास है क्योंकि मां दुर्गा आ रही हैं अपने भक्तों के घर हाथी पर सवार होकर। और हाथी की सवारी का मतलब है, खुशहाली, बरकत और समृद्धि का साल।

इस साल शारदीय नवरात्रि सोमवार 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगी। 2 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह दुर्लभ योग पूजा करने वालों को विशेष फल प्रदान करेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष नवरात्रि पर माता दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं।

कभी घोड़े पर, कभी पालकी पर, कभी नाव पर और इस बार माता रानी गज यानी हाथी पर सवार होकर आएँगी। हाथी की सवारी को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह वर्षा, उन्नति और समृद्धि का प्रतीक है।

नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना नौ दिनों तक होती है। हर दिन देवी के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का विधान है। इस बार हाथी पर आगमन का मतलब है कि घर-घर खुशियों की दस्तक होगी और जीवन में शांति का वास होगा। अब ये तो आपको तैय करना है , गुजरात का गरबा बंगाल की दुर्गा पूजा उत्तर भारत की रामलीला अलग-अलग रूप लेकिन एक ही भाव, भक्ति और शक्ति। तो सवाल अब भी वही है,

भारत की सबसे खास नवरात्रि कहाँ होती है, शायद आपके दिल में, क्योंकि नवरात्रि वहीं खास है, जहाँ भक्ति सबसे सच्ची हो। तो तैयार हो जाइए 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले मां के इस महापर्व के लिए। क्योंकि जब माता रानी हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो संदेश सिर्फ एक होता है,अब आ रही है खुशियों की बौछार। इस बार की नवरात्रि आपके जीवन में भी बरसे खुशियाँ, यही हमारी शुभकामना है।