
बिलग्राम (हरदोई)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बिलग्राम की आरबीएसके टीम ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए 10 वर्षीय आदित्य पुत्र गंगाराम की आंखों की रोशनी वापस दिलाकर उसके जीवन में उजाला भर दिया। पसनेर गांव निवासी यह बच्चा जन्मजात मोतियाबिंद से पीड़ित था और देख पाने में असमर्थ था।
टीम प्रभारी डॉ. शैलेष दीक्षित ने जांच के दौरान इस गंभीर समस्या की पुष्टि की। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिजन इलाज कराने में असमर्थ थे। जानकारी सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजेंद्र वर्मा को दी गई। तत्पश्चात टीम बच्चे को जिला चिकित्सालय सीतापुर लेकर गई, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने निःशुल्क सफल ऑपरेशन कर उसकी आंखों की रोशनी लौटा दी।
डॉ. शैलेष दीक्षित ने कहा कि “आरबीएसके टीम का मकसद केवल बच्चों की सामान्य जांच करना नहीं है, बल्कि ऐसे बच्चों को नई जिंदगी देना है। आदित्य का सफल ऑपरेशन टीम और प्रशासनिक सहयोग का परिणाम है।”
वहीं अधीक्षक डॉ. राजेंद्र वर्मा ने कहा— “आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को इलाज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। टीम ने सराहनीय कार्य किया है।”
बेटे की आंखों में पहली बार रोशनी देखकर भावुक पिता गंगाराम ने कहा— “गरीबी के कारण मैं इलाज नहीं करा पा रहा था। टीम ने बिना किसी पैसे के निःशुल्क मदद कर मेरे बेटे की जिंदगी बदल दी, यह उपकार मैं जीवनभर नहीं भूलूंगा।”