बाह की प्राचीन रामलीला में हुआ सीता हरण का मंचन, सूर्पणखा से रावण तक की लीला ने बांधा समां

बाह। कस्बे की ऐतिहासिक रामलीला में सूर्पणखा की नाक काटने से लेकर रावण द्वारा सीता हरण तक की लीलाओं का अद्भुत मंचन हुआ। पूरे मैदान में जय श्रीराम के उद्घोष गूंजे और दर्शक भाव-विभोर हो उठे।

रामलीला का आरंभ सूर्पणखा प्रसंग से हुआ, जिसमें लक्ष्मण द्वारा उसकी नाक काटी जाती है। इसके बाद खर-दूषण वध की लीला ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। मंचन में रावण की साजिश, मारीच का सोने का हिरन बनना, सीता का हठ, लक्ष्मण रेखा और साधु वेश में आए रावण द्वारा सीता हरण जैसे प्रसंगों ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया।

रामलीला का उदघाटन डासना के जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने किया। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. विश्वराज शर्मा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

स्थानीय कलाकारों की सजीव प्रस्तुति ने मंचन को अविस्मरणीय बना दिया। आयोजन में पंडित श्याम शर्मा, गुड्डू तिवारी, निशु गर्ग, राजेश वफा, देवेंद्र कटारा, राजेश पांडेय, ब्रह्मदत्त शर्मा, रमेश शर्मा, हर्षित गर्ग, उत्तम दुबे, सोहित गर्ग, गोपाल गुप्ता, शानू तिवारी, नवीन मिश्रा, राहुल शर्मा सहित अनेक लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

बाह की रामलीला धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण हर साल हजारों दर्शकों को आकर्षित करती है।