असम और बंगाल से भूटान तक पहली रेल सेवा, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा नया पंख

भारत और भूटान जल्द ही इतिहास रचने जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क स्थापित करने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के तहत दोनों देशों को जोड़ने वाली पहली रेल लाइन बिछाई जाएगी, जो असम के कोकराझार जिले को भूटान के गेलफू शहर से जोड़ेगी। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के बनारहाट से भूटान के समत्से तक रेल लाइन का निर्माण भी होगा।

यह पहल भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन भारत दौरे पर हैं और उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष विक्रम मिसरी तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ सोमवार को इन प्रोजेक्ट्स को अंतिम रूप दिया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान दोनों देशों के सचिवों ने द्विपक्षीय वार्ताओं का समग्र परिदृश्य समीक्षा किया और सभी प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में प्रगति पर ध्यान दिया।

विशेष रूप से, दोनों पक्षों ने 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना की सभी छह इकाइयों के सफलतापूर्वक चालू होने का स्वागत किया। यह परियोजना ऊर्जा साझेदारी पर भारत-भूटान संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस समझौता ज्ञापन में कोकराझार-गेलफू और बनारहाट-समत्से रेल संपर्क की स्थापना की परिकल्पना की गई है। ये परियोजनाएं दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं और इससे आर्थिक और सामाजिक संबंध मजबूत होंगे।

आधिकारिक बयान के अनुसार, इन परियोजनाओं में 4033 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे कुल 89 किलोमीटर लंबा रेलवे नेटवर्क तैयार होगा। प्रोजेक्ट के वित्तीय पक्ष के तहत रेल मंत्रालय भारतीय हिस्से के कार्यों के लिए निवेश करेगा, जबकि भारत सरकार, विदेश मंत्रालय के माध्यम से, भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के तहत भूटानी हिस्से का समर्थन करेगी।

भारत भूटान का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और यह रेल परियोजनाएं दोनों देशों के बीच संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देंगी और आर्थिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करेंगी।

इस अवसर पर भारतीय राजदूत संदीप आर्य ने भूटानी प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से मुलाकात कर परियोजनाओं के संचालन और आगे की योजनाओं पर चर्चा की। थिम्पू स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि भारत और भूटान के बीच विशेष मित्रता और सहयोग को मजबूत करने तथा विभिन्न पहलों और परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए भूटानी नेतृत्व का गर्मजोशी भरा समर्थन सराहनीय है।

इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई गति मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना न केवल सीमा-पार कनेक्टिविटी बढ़ाएगी बल्कि भारत-भूटान आर्थिक और सामरिक सहयोग के लिए भी एक नया मील का पत्थर साबित होगी।