देश की राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान ने शनिवार को एक नया इतिहास रचा, जब ग्लोबल स्टार राम चरण ने दशहरे के शुभ अवसर पर आर्चरी प्रीमियर लीग (APL) का शुभारंभ किया।
हजारों दर्शकों और प्रशंसकों की मौजूदगी में यह आयोजन एक भव्य उत्सव में बदल गया, जहां परंपरा, संस्कृति और आधुनिक खेल भावना का सुंदर संगम देखने को मिला।
राम चरण ने जैसे ही मंच पर आकर लीग के उद्घाटन की घोषणा की, पूरा मैदान “जय श्री राम” और “APL…APL…” के नारों से गूंज उठा।
उनकी मौजूदगी ने माहौल में जोश, गर्व और ऊर्जा भर दी।
🎯 राम चरण का संदेश: “तीरंदाजी हमें एकाग्रता और अनुशासन सिखाती है”
‘मगधीरा’, ‘रंगस्थलम’ और ऑस्कर विजेता फिल्म ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मों से दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके अभिनेता राम चरण ने अपने भावपूर्ण संबोधन में कहा —
“भारत और दुनिया में पहली बार तीरंदाजों के लिए एक प्रीमियर लीग शुरू हो रही है।
हर खिलाड़ी और हर तीरंदाज का समर्थन करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
तीरंदाजी हमें एकाग्रता, अनुशासन और शक्ति सिखाती है — यही असली विजय का मार्ग है।”
इसके बाद उन्होंने प्रतीकात्मक रावण दहन किया, जो अहंकार पर विजय और आत्म-नियंत्रण की भावना का प्रतीक बना।
🌟 सांस्कृतिक और खेल का संगम
उद्घाटन समारोह में पारंपरिक और आधुनिक दोनों रंग देखने को मिले —
भारतीय शास्त्रीय नृत्य से लेकर आधुनिक बीट्स पर तैयार “APL Anthem” की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
टीमों की भव्य एंट्री ने समारोह को IPL जैसी चमक दी।
आतिशबाज़ी और रोशनी के बीच राम चरण के हाथों हुआ रावण दहन इस शाम का चरम क्षण बना।
🏹 आर्चरी प्रीमियर लीग: खेल की दुनिया में नया अध्याय
इस ऐतिहासिक पहल के सूत्रधार हैं अनिल कमिनेनी, जो APL के चेयरमैन हैं।
उनकी दूरदर्शिता ने आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, वर्ल्ड आर्चरी, वर्ल्ड आर्चरी एशिया और भारत सरकार के खेल मंत्रालय को एक मंच पर ला दिया है।
कमिनेनी का कहना है —
“APL सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भारत की परंपरा, मनोरंजन और वैश्विक खेल भावना का संगम है।”
🏆 लीग की संरचना और समय
कुल 6 फ्रेंचाइज़ी टीमें
36 भारतीय श्रेष्ठ तीरंदाज
12 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
प्रतियोगिता स्थल: यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, दिल्ली
आयोजन तिथि: 2 से 12 अक्टूबर 2025
प्रारूप: मिक्स्ड टीम फॉर्मेट, शानदार रोशनी और लाइव म्यूज़िक के साथ
🔰 भारत के खेल परिदृश्य में नया युग
आर्चरी प्रीमियर लीग भारतीय खेल जगत में एक नई दिशा और पहचान जोड़ने जा रही है —
जहां न केवल तीरंदाजों को वैश्विक मंच मिलेगा, बल्कि युवाओं को अनुशासन और आत्मविश्वास की नई प्रेरणा भी।
राम चरण के शब्दों में,
“जिस दिन भारत के हर बच्चे के हाथ में मोबाइल के साथ एक धनुष भी होगा, उस दिन हम सच्चे अर्थों में विश्वगुरु बनेंगे।”