
शाहाबाद/हरदोई, 4 अक्टूबर 2025।
श्री बाल रामलीला नाट्य कला मंदिर चौक पर चौदहवें दिन अहिरावण और रावण वध का भव्य मंचन किया गया। इस अवसर पर श्री गिरिराज बालकृष्ण रामलीला/रासलीला संस्थान, गोवर्धन (मथुरा) के कलाकारों ने दर्शकों को रामायण की कथा के अंतिम और निर्णायक युद्ध का जीवंत अनुभव कराया। रावण और अहिरावण वध व पुतला दहन देखने के लिए हजारों की संख्या में नर-नारियों और बाल गोपालों की उपस्थिति रही।
इस वर्ष की 53वीं रामलीला का समापन दिवस होने के कारण उत्साह और श्रद्धा का माहौल विशेष रूप से देखा गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सीओ शाहाबाद आलोक राज नारायण, ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य लालाराम राजपूत, जिला महामंत्री सत्येन्द्र राजपूत, कोतवाल आनंद नारायण त्रिपाठी और मेले की कमेटी द्वारा आरती-पूजन कर किया गया।
जैसे ही अहंकारी रावण का वध हुआ, मेला मैदान और आसपास का वातावरण जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। पुतला दहन से पहले जमीनी और आकाशीय आतिशबाजी ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अतिथियों ने मेला कमेटी का आभार व्यक्त करते हुए सभी उपस्थित लोगों को दशहरा और आगामी पर्वों की शुभकामनाएं दी।
अतिथियों ने कहा कि प्रभु श्री राम के आशीर्वाद से ही हमें शक्ति मिलती है और रामलीला के पात्रों का अनुसरण कर हम अपने अंदर के अहंकार रूपी रावण को मार सकते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि राम के बताए मार्ग पर चलें और जीवन में नैतिक मूल्यों को अपनाएं।
मेलाध्यक्ष चौधरी उमेश गुप्ता ने अतिथियों का धन्यवाद किया, जबकि मंच का संचालन अम्बरीश द्विवेदी ने किया। लीला देखने आई भीड़ को संभालने के लिए सीओ शाहाबाद और कोतवाल स्वयं उपस्थित रहे, और कई थानों की पुलिस फोर्स ने सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। मेलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने पुलिस के प्रयासों की सराहना की।
अंतिम क्षणों में दिखाया गया कि अहंकारी रावण अपनी अहंकारपूर्ण मानसिकता में विचलित हो जाता है, और युद्ध भूमि के लिए सेना तैयार करने का आदेश देता है। पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण उसे समझाने का प्रयास करते हैं, लेकिन रावण अहंकार में डूबा रहकर प्रभु राम से युद्ध करता है और मारा जाता है।
रावण के वध के साथ ही मेला पंडाल जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। मेलाध्यक्ष चौधरी उमेश गुप्ता ने कहा कि आज का रावण दहन लीला 53वें वर्ष की रामलीला का अंतिम पड़ाव है। उन्होंने सभी दानदाताओं, सहयोगियों और कमेटी सदस्यों का धन्यवाद किया और अगले वर्ष इसी तरह सहयोग की कामना की।
इस अवसर पर मेला समिति के सभी पदाधिकारी, राम भक्त और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। रामलीला ने धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता और उत्साह का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।