
हरदोई। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के तत्वावधान में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) हरदोई–द्वितीय में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, पल्सेज मिशन और अन्य कृषि एवं संबद्ध योजनाओं के शुभारंभ अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को नवीन कृषि योजनाओं, तकनीकी नवाचारों और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में सशक्त बनाना रहा।
नई दिल्ली स्थित एन.ए.एस.सी. कॉम्प्लेक्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजनाओं का राष्ट्रीय शुभारंभ किया, जिसका सीधा प्रसारण केवीके परिसर में किया गया। जिलेभर से 350 से अधिक किसान, महिला किसान, जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, स्वयं सहायता समूह और स्थानीय नागरिक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत उद्बोधन से हुई, जिसमें डॉ. पंकज नौटियाल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के उद्देश्य, क्रियान्वयन और किसानों को होने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केवीके, निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार यादव के निर्देशन में किसानों की आय वृद्धि और तकनीकी सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
इसके पश्चात रबी फसलों की उन्नत तकनीकों पर तकनीकी सत्र हुआ, जिसमें किसानों को पोषक तत्व प्रबंधन, जल संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य सुधार की वैज्ञानिक जानकारी दी गई।
इनपुट वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित किसानों को बीज एवं कृषि सामग्रियाँ प्रदान की गईं।
प्राकृतिक खेती पर विशेष सत्र में जैविक खाद, कीट प्रबंधन और लागत घटाने की तकनीकों की जानकारी दी गई। दोपहर बाद तिलहनी फसलों की उन्नत तकनीक एवं सरकारी सहायता योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। किसानों को राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली, किसान शिकायत निवारण पोर्टल, जीएसटी रियायतें तथा केंद्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में किसानों ने केवीके की प्रदर्शन इकाइयों और मॉडल प्राकृतिक खेती फार्म का भ्रमण किया। वैज्ञानिकों ने फसल प्रदर्शन, मृदा-जल संरक्षण तकनीक और आधुनिक उपकरणों के उपयोग का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया।
समापन सत्र में डॉ. अंजली साहू ने सभी अतिथियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहित सिंह ने किया।
कार्यक्रम की सफलता में डॉ. त्रिलोकी सिंह, डॉ. त्रिलोक नाथ राय, सुश्री थांगा अनूस्या सहित केवीके टीम, कृषि विभाग के अधिकारी व महिला किसान समूहों का विशेष योगदान रहा।
यह कार्यक्रम किसानों की सक्रिय भागीदारी, जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति और विभागीय सहयोग से अत्यंत सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।