
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में रविवार शाम पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने एक मुठभेड़ में एक लाख के इनामी लुटेरे गुरुसेवक पुत्र बलिंद्र (29 वर्ष) निवासी पटाई पुवायां, शाहजहांपुर को मार गिराया। गुरुसेवक पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, लूट, चोरी और आर्म्स एक्ट के 8 मुकदमे दर्ज थे। पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह ने उस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।

डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि पारा थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि उन्नाव निवासी कैब ड्राइवर योगेश पाल और शाहजहांपुर के पुवायां निवासी अवनीश दीक्षित की हत्या कर कार लूटने वाले बदमाश लखनऊ से भागने की फिराक में हैं। इस सूचना पर पुलिस ने आगरा एक्सप्रेस-वे के जीरो प्वाइंट और आउटर रिंग रोड कट पर चेकिंग शुरू की।
थोड़ी देर बाद एक संदिग्ध कार को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन चालक ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी। पुलिस ने करीब एक किलोमीटर तक पीछा किया। तभी सामने से दूसरी टीम आ गई, जिससे बदमाशों की कार फंस गई। इस पर कार सवार दो बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। इसी दौरान बदमाश गुरुसेवक गोली लगने से गिर पड़ा जबकि उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। घायल बदमाश को अस्पताल भेजा गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसके पास से 38 बोर का तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं।
फायरिंग के दौरान क्राइम ब्रांच प्रभारी शिवानंद मिश्रा और हेड कॉन्स्टेबल अतुल कुमार की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी, जबकि एक गोली पुलिस की गाड़ी को भी लगी।
गौरतलब है कि गुरुसेवक ने 29 सितंबर को उन्नाव के ड्राइवर योगेश पाल की हत्या कर कार लूट ली थी। योगेश का शव 3 अक्टूबर को सीतापुर में मिला था। इसी गैंग ने 6 अक्टूबर को शाहजहांपुर के पुवायां में ड्राइवर अवनीश दीक्षित की हत्या कर ट्रैवलर वाहन लूटा था।
शुक्रवार रात योगेश हत्याकांड में शामिल बदमाश अजय सिंह उर्फ अमरजीत, निवासी पिहानी, हरदोई को पुलिस ने पारा क्षेत्र के मौदा मोड़ के पास मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था, जबकि गुरुसेवक भाग निकला था।
आज सुबह इसी गिरोह के एक अन्य सदस्य विकास कुमार पुत्र रूपनारायण कनौजिया, निवासी बरहुआ थाना मल्लावा, हरदोई को पारा क्षेत्र के जागर्स पार्क के पास से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस का कहना है कि फरार साथी की तलाश जारी है। मुठभेड़ में मारा गया गुरुसेवक लूट और हत्या की कई वारदातों में शामिल था तथा पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी।