
हरदोई। डीएम के जनता दर्शन में सोमवार को एक अनूठा मामला सामने आया। प्राथमिक विद्यालय जामू, संडीला हरदोई में कार्यरत शिक्षिका रजनी संखवार ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर पक्षपात और अन्याय का आरोप लगाते हुए डीएम से शिकायत की।
शिक्षिका रजनी संखवार का आरोप है कि बीएसए हरदोई ने सितंबर 2024 में संडीला ब्लॉक की दो शिक्षिकाओं को आपसी विवाद के चलते निलंबित किया। जांच खंड शिक्षा अधिकारी पिहानी और खंड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद को सौंप दी गई। जांच में पक्षपात करते हुए रसूखदार शिक्षिका की रिपोर्ट 30 दिसंबर 2024 को बीएसए को सौंप दी गई और उसी दिन उसे विद्यालय में बहाल कर दिया गया। वहीं दूसरी शिक्षिका की रिपोर्ट चार महीने तक रोकी गई।
रजनी संखवार ने कई बार उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। अंततः उन्होंने उच्च न्यायालय में प्रकरण दायर किया। अदालत ने 21 मई 2025 को जांच आख्या और बीएसए के आदेश को निरस्त कर दिया और निलंबन अवधि के सभी देयकों का भुगतान करने का आदेश दिया। बावजूद इसके, बीएसए ने शिक्षिका को जीवन निर्वहन भत्ता अप्रैल से बंद कर दिया और उसे विकास खंड भरखनी में स्थानांतरित कर दिया।
शिक्षिका ने आरोप लगाया कि उसके प्रति अन्याय शिक्षिका प्रियंका जायसवाल की ऊंची पहुँच के कारण हो रहा है। वहीं अभिलेख चोरी के आरोप में लगी सजा भी रसूखदार शिक्षिका ने की थी, फिर भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिलाधिकारी ने मामले का त्वरित संज्ञान लिया और मुख्य विकास अधिकारी को जांच के लिए नामित किया। शिक्षिका ने न्याय न मिलने पर आत्मदाह की धमकी भी दी।