रामलीला में कलाकारों ने किया राम-केवट संवाद का मनोहारी मंचन

हरपालपुर, हरदोई। पलिया गांव के मां फूलमती मंदिर में चल रही रामलीला के पांचवें दिन कलाकारों ने राम-केवट संवाद का भावपूर्ण मंचन किया। कलाकारों की सुंदर प्रस्तुति और अभिनय ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। जयश्रीराम के जयघोष से पंडाल का माहौल भक्तिमय हो गया।

मंचन में दिखाया गया कि भगवान श्रीराम सरयू नदी के किनारे खड़े होकर केवट से नदी पार कराने का आग्रह करते हैं। केवट प्रभु राम के पास आता है और पूछता है कि आप कौन हैं, कहां से हैं और कहां जा रहे हैं। श्रीराम केवट को अपना परिचय देते हैं। केवट डर और श्रद्धा से दूर खड़ा हो जाता है और कहता है कि आप वही राम हैं जिनके छूते ही पत्थर की शिला नारी बन गई। अपनी काठ की नाव के साथ वह प्रभु को नदी पार नहीं करा सकता और परिवार की चिंता व्यक्त करता है।

इस पर श्रीराम ने केवट से कहा कि ऐसा कोई उपाय है जिससे तुम हमें नदी पार करा दो। केवट ने सुझाव दिया कि पहले अपने चरण धोए जाएं। चरण धोने के बाद केवट ने भगवान राम को नदी पार करा दिया। नदी पार करने के बाद जब श्रीराम सीता की अंगूठी केवट को देने लगे, तो केवट ने कहा कि “हे प्रभु, एक मजदूर दूसरे मजदूर को मजदूरी नहीं देता।” भगवान राम ने केवट की भावनाओं का सम्मान किया और मल्लाह से मल्लाही लेने का निर्णय नहीं लिया।

इस मौके पर वेदपाल गुप्ता, बबलू सिंह, अरविंद मिश्रा, मनोज गुप्ता, अश्वनी कुमार, इंद्रेश कुमार, राकेश अग्निहोत्री, कुलदीप सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, सनोज सिंह, मंगली यादव, गुड्डू तिवारी, बिंदु श्रीवास्तव, शैलेन्द्र सिंह और इंद्रपाल भूरा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम ने दर्शकों को राम और केवट के संवाद के माध्यम से भक्ति, श्रद्धा और मेहनत के महत्व का संदेश दिया। मंचन की गुणवत्ता और कलाकारों के अभिनय को देखकर स्थानीय लोग काफी प्रभावित हुए और कार्यक्रम की सफलता की सराहना की।