
शाहाबाद, हरदोई। खेतों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। शुक्रवार को तहसील क्षेत्र के ग्राम मझिला में आयोजित एक गोष्ठी में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अंकित तिवारी ने किसानों को स्पष्ट चेतावनी दी कि खेत में पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम तिवारी ने कहा कि खेत में धान की फसल के अवशेष जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी घटती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि पराली को जलाने के बजाय खेत में ही उसका पुनः उपयोग करें, जिससे भूमि की गुणवत्ता बनी रहे और लागत में भी कमी आए।
इस अवसर पर ब्लॉक शाहाबाद के ग्राम आगमपुर में स्वामी ब्रह्मानंद महाविद्यालय के कृषि स्नातक छात्रों द्वारा “पराली न जलाओ, पर्यावरण बचाओ” रैली निकाली गई, जिसे एसडीएम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
एसडीएम तिवारी ने बताया कि खेतों में पराली जलाने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसके बाद तहसील क्षेत्र के लेखपालों, ब्लॉक कर्मियों और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे पंचायत स्तर पर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खेतों में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। अगर किसी किसान के खिलाफ शिकायत मिली तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
गोष्ठी में उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि कर्मचारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। सभी ने स्वच्छ पर्यावरण और टिकाऊ खेती की दिशा में प्रशासन के प्रयासों का समर्थन किया।