
अभिनेता इमरान हाशमी और यामी गौतम ने अपनी आने वाली फिल्म हक़ के दिल्ली प्रमोशन्स के दौरान एक यादगार सिनेमाई पल रचा। दोनों कलाकारों ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) की सीढ़ियों पर जाकर फिल्म हक़ के आइकॉनिक पोस्टर को फिर से जीवंत किया।
फिल्म में सर्वोच्च न्यायालय का विशेष महत्व है क्योंकि इसकी कहानी व्यक्तिगत कानून और समान नागरिक कानून के टकराव को गहराई से दिखाती है। हक़ की कहानी 1980 के दशक के एक ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रेरित है, जिसने भारतीय समाज में न्याय और सुधार की नई बहस को जन्म दिया था।
रीक्रिएट किया गया पोस्टर फिल्म की शक्तिशाली कहानी को श्रद्धांजलि देता है, जो ‘हक़’ के नैतिक द्वंद्व और सामाजिक गहराई को बखूबी दर्शाता है। हाल ही में रिलीज़ हुए फिल्म के ट्रेलर ने दर्शकों में जबरदस्त उत्सुकता और चर्चाएं पैदा कर दी हैं।
जंगली पिक्चर्स द्वारा निर्मित और सुपर्ण वर्मा द्वारा निर्देशित यह फिल्म आधुनिक भारत में आस्था, न्याय और पहचान के संगम की पड़ताल करती है।
यामी गौतम ने कहा —
“न्याय भले देर से मिले, लेकिन वह कभी आपका साथ नहीं छोड़ता। हक़ एक ऐसी आवाज़ है जो सुधार की चिंगारी जगाती है, और इस फिल्म के ज़रिए हम उस ऐतिहासिक फ़ैसले को फिर से याद कर रहे हैं जिसने बदलाव की शुरुआत की थी।”
इमरान हाशमी ने कहा —
“सुप्रीम कोर्ट के सामने हक़ का पोस्टर फिर से बनाना केवल एक दृश्य पल नहीं था, बल्कि यह एक प्रतीकात्मक अनुभव था। यह फिल्म उस ऐतिहासिक केस से प्रेरित है जिसने भारत में न्याय की दिशा बदल दी थी।”
फिल्म हक़ 7 नवंबर को विश्वभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।