किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह के समर्थन में धरना, पुलिस आयुक्त से वार्ता के बाद दो दिन में कार्रवाई का आश्वासन

आगरा। किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह के साथ हुई अभद्रता और अवैध हिरासत प्रकरण में अब तक कार्रवाई न होने से नाराज किसान मजदूर संगठनों ने सोमवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय पर धरना देने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां पहुँचने से पहले ही सदर तहसील परिसर में रोक लिया, जिसके बाद गुस्साए किसान नेता सैकड़ों समर्थकों के साथ तहसील प्रांगण में ही धरने पर बैठ गए।

धरने की सूचना पर एसीपी हरीपर्वत और एसीपी लोहामंडी फोर्स के साथ मौके पर पहुँचे और स्थिति को शांत कराने की कोशिश की। बाद में किसानों के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस आयुक्त आवास पर ले जाया गया।

पुलिस आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि थानाध्यक्ष सिकंदरा के खिलाफ जांच अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह के पास है, जो फिलहाल आउट स्टेशन हैं। उनके लौटने के बाद दो दिन में जांच आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

🔹 मामला क्या है?

11 अक्टूबर की रात गांव जनूथा निवासी 23 वर्षीय मजदूर दिनेश की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। अगले दिन मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने शव रखकर राशन बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड गोदाम के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह भी मौके पर पहुँचे थे।

आरोप है कि मौके पर पहुँचे थानाध्यक्ष सिकंदरा प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने परिजनों से अभद्रता की और किसान नेता को झूठे मुकदमे में फँसाने की धमकी दी। विरोध करने पर उन्होंने किसान नेता को घसीटकर गाड़ी में डालकर थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया।

करीब एक घंटे बाद मृतक के परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार की अनुमति देने के बाद किसान नेता को छोड़ा गया।

15 अक्टूबर को इस प्रकरण की शिकायत पुलिस आयुक्त आगरा से की गई थी, और जांच अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह को सौंपी गई, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

🔹 चेतावनी दी किसानों ने

किसान नेता श्याम सिंह चाहर और धीरज सिकरवार ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन में थानाध्यक्ष सिकंदरा पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो 12 नवम्बर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

धरने में प्रगतिशील जाट महासभा के नेत्रपाल सिंह चाहर, मोहन सिंह सोलंकी, राजेंद्र सिंह चाहर, “सिस्टम तो सुधरेगा संगठन” के नीरज शर्मा, भारतीय किसान यूनियन के अर्जुन सिंह छौकर, किसान मजदूर यूनियन भारत के प्रिन्स जैसवाल, महिपाल चौधरी, सत्यपाल सिंह जूरैल, बाबूलाल बाल्मीकि, सुखपाल प्रधान, गंगाराम माहौर, दाताराम लोधी, पंकज सिकरवार, राजीव ठाकुर, रामखिलाड़ी कुशवाह, सोनू चौधरी, नकुल सिकरवार, रंजीत चौधरी, दीक्षा शर्मा, मंजू परमार, शुभम चाहर सहित बड़ी संख्या में महिलाएं व ग्रामीण मौजूद रहे।