
बरहन/आंवलखेड़ा। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिक्षा मंदिर, आंवलखेड़ा में आयोजित “सप्तशक्ति संगम” कार्यक्रम ने नारी सशक्तिकरण का प्रभावशाली संदेश दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मातृशक्ति में आत्मगौरव और दायित्वबोध का जागरण करना, कुटुंब व्यवस्था में महिला की भूमिका को रेखांकित करना तथा समाज और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान को प्रेरित करना रहा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत माता, रानी लक्ष्मीबाई, माता सावित्रीबाई फुले, माता अहिल्याबाई होल्कर और रानी दुर्गावती जैसे प्रेरणास्रोत पात्रों की भूमिका और उनके योगदान का जीवंत चित्रण किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. ममता शर्मा, प्रधानाचार्य (श्रीदांकुवरी इंटर कॉलेज, आंवलखेड़ा) ने कहा —
“मां इस दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा है। यदि एक मां ठान ले, तो वह अपने बच्चे को योद्धा बना सकती है। हमें अपने अस्तित्व और शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।”
मुख्य अतिथि श्रीमती माधुरी द्विवेदी, अखिल भारतीय गायत्री परिवार की समाजसेविका, ने कहा कि बच्चों को सनातन संस्कृति के अनुरूप संस्कार देना माताओं की पहली जिम्मेदारी है, क्योंकि संस्कार ही राष्ट्र निर्माण की नींव हैं।
मुख्य वक्ता डॉ. अरुणा (असिस्टेंट प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र) ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाएं कुटुंब प्रबोधन और पंचपरिवर्तन के माध्यम से समाज में अपनी भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी योगदान देने का आह्वान किया —
“घर के किचन गार्डन में रासायनिक रहित सब्जियां उगाकर महिलाएं परिवार को स्वस्थ रख सकती हैं और समाज के कल्याण में भी भागीदार बन सकती हैं।”
मिशन शक्ति का संदेश देने के लिए बरहन थाना से सब इंस्पेक्टर प्रिया शाह नागर ने महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित सरकारी योजनाओं व हेल्पलाइन नंबरों की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के अंत में प्रबंधक देवेंद्र सिंह परमार ने सभी अतिथियों व उपस्थित मातृशक्ति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में महिला सशक्तिकरण की भावना और मजबूत होती है।
मंच संचालन आचार्या रश्मि उपाध्याय ने किया।
विशिष्ट अतिथियों में रामवीर सिंह चौहान (कोषाध्यक्ष), डोरीलाल (सह-प्रबंधक), धर्मवीर प्रजापति, चंद्रपाल आचार्य, और श्वेता पंवार (S.I.) उपस्थित रहीं।