पाली दुष्कर्म मामले में नया विवाद—CO शाहाबाद पर दबाव बनाने का आरोप

पाली दुष्कर्म मामले में नया विवाद—CO शाहाबाद पर दबाव बनाने का आरोप, पीड़िता के पति ने तनाव में जान देने की कोशिश की
शाहाबाद/हरदोई। जनपद के पाली थाना क्षेत्र में दर्ज दुष्कर्म का मुकदमा (संख्या 396/25) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में आरोपी मंजेश गुप्ता को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है, जबकि दूसरा आरोपी सूरज तिवारी करीब डेढ़ महीने से फरार है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस द्वारा संरक्षण दिए जाने के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

IGRS शिकायत के बाद मामला फिर गरमाया

हाल में आरोपी सूरज तिवारी की पत्नी ने IGRS पोर्टल पर एक प्रार्थना पत्र भेजकर पीड़िता और उस पत्रकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसने इस दुष्कर्म प्रकरण की खबर प्रकाशित की थी। इस शिकायत के आधार पर CO शाहाबाद आलोक राज नारायण ने पीड़िता, उसके पति और पत्रकार को नोटिस देकर कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए।

निर्धारित समय पर पीड़िता, उसका पति और पत्रकार CO कार्यालय पहुंचे और लिखित बयान दिए। लेकिन इसके बाद मामला और गंभीर बन गया।

पीड़ित पक्ष ने CO पर “वीडियो बयान” के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया

पीड़िता एवं उसके पति का आरोप है कि CO कार्यालय में बयान देने के बाद उन्हें दोबारा बुलाया गया और कथित रूप से कहा गया कि वीडियो बनवाकर “बयान बदलने” की जरूरत है। पति का आरोप है कि उसे चेतावनी दी गई कि यदि उसने मनमाफिक बयान नहीं दिया तो उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।

पीड़िता का कहना है कि CO ने उसका दोबारा बयान भी लिया, जबकि उसका बयान पहले ही पुलिस और न्यायालय में दर्ज हो चुका है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि CO का यह कदम कानूनी अधिकार क्षेत्र से बाहर और पक्षपातपूर्ण है।

तनाव में टूटकर गिर पड़ा पीड़िता का पति

परिजनों के अनुसार बयान को लेकर लगाए गए कथित दबाव ने पीड़िता के पति राहुल को मानसिक रूप से झकझोर दिया। कार्यालय से बाहर निकलते ही वह भावनात्मक रूप से टूट गया और कथित रूप से जान देने की कोशिश करने लगा। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़कर संभाला और बेहोशी की हालत में बाहर निकाला।

पीड़िता का आरोप है कि CO शाहाबाद की दबावपूर्ण कार्यवाही उन्हें आत्महत्या जैसी स्थिति में ले गई, जो बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला है।

निष्पक्ष जांच की मांग

पीड़िता और उसके परिजनों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि स्थानीय स्तर पर आरोपी को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते न्याय में बाधाएँ आ रही हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर दुष्कर्म जैसे मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाय पीड़ित पक्ष को धमकाया जा रहा है, जिससे प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि शिकायत प्राप्त हुई है और पूरे मामले की जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।