
हरदोई। शहर के अशरफ टोला में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन पांचाल घाट, फर्रुखाबाद से आए प्रमुख भागवताचार्य व्यास आचार्य रमेश चंद्र पांडेय ने प्रथम स्कंध की कथाओं का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सुखदेव जी और महाराज परीक्षित प्रथम कोटि के आदर्श वक्ता और श्रोता माने जाते हैं। वहीं व्यास जी और नारद जी को मध्य कोटि तथा सूत जी और शौनक ऋषि को तृतीय कोटि के वक्ता-श्रोता के रूप में वर्णित किया जाता है। उनका संवाद ज्ञान, वैराग्य और भक्ति को बढ़ाने वाला तथा जीवन की भौतिक चिंताओं से मुक्ति दिलाने वाला है।
आचार्य पांडेय ने महाराज परीक्षित के जन्म, उनके जीवन प्रसंगों, आध्यात्मिक तप और सात प्रकार की शुद्धि के महत्व को भी समझाया। उन्होंने कहा कि जिन साधकों के जीवन में सात प्रकार की शुद्धि स्थापित हो जाती है, वही व्यक्ति संतों के वचनों को आत्मसात करने के अधिकारी बनते हैं। ऐसे ही पवित्र मन को भागवत धर्म का सच्चा ज्ञान प्राप्त होता है।
कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और दिव्य कथा का रसपान किया। आयोजन समिति की ओर से मनीष चतुर्वेदी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।