सलेमपुर सीएचसी में डॉक्टरों का खेल: बाहर के जांच केंद्रों की पर्ची से चल रहा ‘रैकेट’

गंगेश पाण्डेय, सलेमपुर (देवरिया)

सलेमपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का हाल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यहां इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। मरीजों के अनुसार डॉक्टर जानबूझकर सरकारी लैब में जांच कराने से मना कर रहे हैं और बाहर के निजी जांच केंद्रों की पर्ची पकड़ा कर भेज रहे हैं।

मरीजों ने बताया कि डॉक्टर पहले जांच की जरूरत बताते हैं, लेकिन अस्पताल की प्रयोगशाला की ओर भेजने के बजाय साफ शब्दों में कहते हैं—
“यहां जांच नहीं होगी, बाहर वालों से कराइए।”

और तो और, डॉक्टरों की मेज पर निजी जांच केंद्रों की पर्चियां, रसीदें और कार्ड खुलेआम रखे होने की बात भी सामने आई है, जिससे मिलीभगत की आशंका और मजबूत हो रही है।

मरीज संध्या, रागिनी, सागर और सत्यम ने बताया कि यह खेल लंबे समय से चल रहा है और गरीब मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है।
एक मरीज का कहना था—
“मैं खून की जांच कराने गया था। डॉक्टर ने कहा यहां रिपोर्ट नहीं होगी। बाहर भेज दिया और वहां 300 रुपये लिए गए।”

सरकारी अस्पतालों में जहां ज्यादातर जांचें निशुल्क उपलब्ध हैं, वहीं इस तरह की प्राइवेट लैबों की ओर जबरन भेजने की प्रथा गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ा रही है। मरीजों ने आरोप लगाया कि यह सब अस्पताल और बाहर की लैबों की मिलीभगत से चल रहा है, जिसका उद्देश्य सिर्फ धन उगाही है।

अस्पताल प्रशासन इस मामले पर चुप है, लेकिन शिकायतें बढ़ती जा रही हैं।
जब इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक अतुल कुमार से बात की गई, तो उन्होंने कहा—
“मैं जांच कराऊंगा। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”

लोगों का कहना है कि यदि यह ‘रैकेट’ बंद नहीं हुआ तो सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जनता का भरोसा उठ जाएगा।