
मैनपुरी/किशनी। नगर पंचायत स्थित बिजलीघर की इमारत को बने ज्यादा समय नहीं हुआ, लेकिन लापरवाही और रखरखाव की कमी के कारण यह सरकारी भवन अब अपने अस्तित्व के लिए ही खतरा बनता जा रहा है। सपा सरकार के दौरान कस्बे में यह भवन तैयार किया गया था, पर आज इसकी हालत नीम चढ़े करेले जैसी हो चुकी है। उसरैली जमीन ने पहले ही प्लास्टर को कमजोर कर दिया था, ऊपर से देखरेख न होने की वजह से इमारत तेजी से जर्जर होती जा रही है।
इमारत के पिछले हिस्से को मजबूत रखने के लिए दीवार के पीछे करीब दो फीट चौड़ा प्लेटफॉर्म बनाया गया था, लेकिन अब उसका प्लास्टर उखड़कर बड़ा छेद बन चुका है। हाल ही की बरसात में पूरा पानी इसी छेद से भीतर भरकर इमारत की नींव तक पहुंच गया। इसके बावजूद बिजलीघर के जेई पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारी चाहें तो थोड़ी-सी मरम्मत से खतरा टल सकता है, मगर उदासीनता इतनी है कि मानो इमारत का ध्वस्त होना भी किसी की जिम्मेदारी न हो।
बिजलीघर में बने शौचालय की हालत भी बेकदरी का दूसरा उदाहरण है। वहां इतनी झाड़ियां उग आई हैं कि कोई अंदर जाना तो दूर, पास भी नहीं जाना चाहता। हाल यह रहा तो सरकारी धन से बनी यह इमारत अपनी उम्र पूरी होने से पहले ही ढहने की कगार पर पहुंच जाएगी।