भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रही नगर पालिका गौरा बरहज – अमरेंद्र

रिपोर्ट – सुनील शर्मा (ब्यूरो चीफ देवरिया)

देवरिया जिले की बहुचर्चित नगर पालिका परिषद गौरा बरहज में भ्रष्टाचार के आरोपों ने नया मोड़ ले लिया है। लोकायुक्त में दर्ज शिकायत के बाद अध्यक्षा श्वेता जयसवाल और अधिशासी अधिकारी निरुपम प्रताप को आज, 12 नवंबर 2025 दोपहर 2 बजे गोरखपुर मंडल आयुक्त के समक्ष साक्ष्यों सहित उपस्थित होने के लिए तलब किया गया है। इस सूचना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

भाजपा नेता और नगर पालिका गौरा बरहज के पूर्व प्रत्याशी अमरेंद्र गुप्ता ने अमर भारती से बातचीत में कहा कि जब से श्वेता जयसवाल ने अध्यक्ष पद संभाला है, भ्रष्टाचार की बाढ़ आ गई है। जनता के पैसों की खुली लूट हो रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी देवरिया को 26 बिंदुओं पर शिकायत दी थी, लेकिन कई महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई।

इसके बाद उन्होंने लोकायुक्त से शिकायत की, जिस पर गोरखपुर मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित की गई, जिसमें पुलिस अधीक्षक गोरखपुर अभिनव त्यागी, एडिशनल कमिश्नर गोरखपुर, और लोक अभियोजन अधिकारी डी.डी. मिश्रा शामिल हैं।

जेम पोर्टल के माध्यम से भारी लूट के आरोप

अमरेंद्र गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका में जेम पोर्टल के जरिए बड़े पैमाने पर धांधली की गई।

प्लास्टिक के सामान ₹100 के बजाय ₹1000 में खरीदे गए।

स्टील की डस्टबिन जो बाजार में ₹2500 की है, उसे ₹31,000 में खरीदा गया।

कुबता कंपनी (जापान) से ₹20 लाख के सामान को ₹26 लाख में खरीदा गया।

स्काई वेक्टर मशीन जो ₹7-8 लाख की आती है, उसे ₹25 लाख में खरीदा गया।

सड़क लाइट सहित अन्य सामग्रियों में भी बाजार दर से कई गुना अधिक कीमतें दिखाई गईं।

इन खरीदों में लगभग ₹4.50 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया गया है।

अमरेंद्र गुप्ता का कहना है कि यह मामला जनता के धन की खुली लूट का उदाहरण है और अब समय दूर नहीं जब ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।