रन फॉर यूनिटी: एकता के संदेश के साथ छात्र-छात्राओं, सहायिकाओं और सखी समूह द्वारा निकाला गया भव्य यूनिटी मार्च

हरदोई। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर नगर में “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम का आयोजन बड़े उत्साह और जोश के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर के बड़ी फील्ड मैदान से हुआ, जहाँ सुबह से ही छात्र-छात्राओं, शिक्षकगणों, संविदा कर्मियों और विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के नारों के बीच यूनिटी मार्च का शुभारंभ उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी द्वारा किया गया। यह मार्च बस स्टैंड, सिनेमा चौराहा, घास मंडी तिराहा और अल्लाहपुर चौराहा होते हुए ब्लॉक परिसर में जाकर सम्पन्न हुआ। मार्च के दौरान प्रतिभागियों ने हाथों में तख्तियां लेकर देश की एकता, अखंडता और भाईचारे का संदेश दिया।

मार्च में नगर के तमाम विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ संविदा कर्मियों का उत्साह देखने लायक था। सभी प्रतिभागियों ने अपने कंधों पर “यूनिटी मार्च” का भार उठाते हुए देशभक्ति के नारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। बच्चों ने तिरंगे झंडे लहराते हुए “राष्ट्र की एकता, हमारी जिम्मेदारी” जैसे नारे लगाए और लोगों को एकता का संदेश दिया।

इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं और सखी समूह की महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए नारी शक्ति और राष्ट्रीय एकता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। पूरे मार्च के दौरान प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।

सड़कों के दोनों ओर खड़े नागरिकों ने ताली बजाकर प्रतिभागियों का स्वागत किया। जगह-जगह स्कूली बच्चों ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिससे पूरा माहौल राष्ट्रभक्ति से सराबोर हो गया।

ब्लॉक परिसर में आयोजित समापन समारोह में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद किया गया। ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्र ने कहा — “लौहपुरुष सरदार पटेल ने जिस तरह देश की रियासतों को एक सूत्र में पिरोया, वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। रन फॉर यूनिटी हमें यह संदेश देती है कि देश की मजबूती और प्रगति के लिए हमारी एकता सबसे बड़ा आधार है।”

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने सभी प्रतिभागियों को एकता, भाईचारे और राष्ट्रप्रेम की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि यह हमारे भीतर सामूहिकता और देशहित की भावना को सशक्त करने का अवसर प्रदान करते हैं।