
प्रयागराज। नैनी सब्जीमंडी के सामने इलाहाबाद–मिर्जापुर हाइवे पर फल और सब्जियां खरीदने के लिए वाहन खड़ा करने वालों ने यातायात व्यवस्था को पूरी तरह चरमराकर रख दिया है। रोजाना सुबह से लेकर देर शाम तक यहां भयानक जाम लगता है। सवाल यह है कि ट्रैफिक सिस्टम को फेल करने वाले इन खरीददारों से आखिर निपटे कौन? वर्षों से यह समस्या जस की तस बनी हुई है।
नगर निगम हर माह अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर फल-ठेलिया वालों को फुटपाथ से हटाता है, लोगों को समझाया भी जाता है कि वाहन हाइवे से दूर खड़े करें—लेकिन असर कुछ देर ही रहता है। थोड़ी ही देर बाद नज़ारा फिर पहले जैसा हो जाता है। ठेले फुटपाथ घेर लेते हैं और वाहनों की कतारें हाइवे पर जाम लगा देती हैं।
निगम और पुलिस स्टाफ बेखबर
सब्जीमंडी के ठीक बगल में ही नैनी पुलिस चौकी और नगर निगम का क्षेत्रीय दफ्तर बना है, लेकिन यहां तैनात कर्मचारी ठेलिया और फल लगाने वालों को टोकते तक नहीं। कारण सब समझते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। जाम में फँसने वाली सिर्फ आम जनता होती है, जबकि अधिकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। नगर निगम की बड़ी ज़मीन पर कई ठेले लगाए जाते हैं, लेकिन भीड़ बढ़ने पर फुटपाथ और हाइवे भी कब्ज़ा लिया जाता है। सबसे ज्यादा समस्या तब होती है जब खरीददार अपने वाहन हाइवे पर खड़े कर सब्जीमंडी का चक्कर लगाने निकल जाते हैं। सुबह 10 बजे से देर शाम तक यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है।
नियमित नियंत्रण की जरूरत
सब्जीमंडी क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए गोल चौराहा बनाए जाने की मांग तेज है। डिवाइडर बने हैं, लेकिन उनसे ट्रैफिक नियंत्रित नहीं हो पा रहा। स्थायी समाधान के लिए चौराहे पर ट्रैफिक बूथ स्थापित करना बेहद आवश्यक है। साथ ही हाइवे पर वाहन खड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई ही इस समस्या को कम कर सकती है।
साफ-सफाई व्यवस्था लचर
सब्जीमंडी के पास कूड़ा डम्पिंग की व्यवस्था होने के बावजूद नियमित सफाई नहीं होती। गमकसिन पाउडर का छिड़काव बंद है। छुट्टा मवेशी यहां मंडराते रहते हैं और ठेला लगाने वालों द्वारा हांकने पर अचानक सड़क पर दौड़ पड़ते हैं, जिससे हादसे बढ़ रहे हैं। कूड़ा डम्पिंग स्थल के पास लोग खुले में पेशाब करते हैं, जिसकी वजह से लगातार दुर्गंध फैलती रहती है।
शौचालय पर ताला, रखरखाव गायब
सब्जीमंडी के बगल पुलिस चौकी के पास बने सार्वजनिक शौचालय पर अक्सर ताला लटका रहता है। यहां तैनात कर्मचारी की मौजूदगी का कोई निश्चित समय नहीं। इससे खरीदारों, दुकानदारों और राहगीरों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
नैनी सब्जीमंडी और हाइवे पर बिगड़ते हालात को देखते हुए स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द स्थायी समाधान निकाला जाए, वरना बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।