
बाराबंकी। महादेवा महोत्सव के सतरंगी मंच पर तीसरे दिन रास रंग संस्था लखनऊ के कलाकारों ने मयूर नृत्य और फूलों की होली की मनमोहक प्रस्तुतियों से ऐसा समां बांधा कि पूरा वातावरण कृष्णमय हो उठा। “नटवर नागर नंदा”, “भजो रे मन गोविंदा”, “कृष्णा लगन लगी”, “जा रे कन्हैया”, “रास रचो है”, “यमुना किनारे रास”, “कान्हा बरसाने में आई जइयो” जैसे गीतों पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को बांधे रखा।
“सोड़ी सोड़ी राधा, तेरे बिन श्याम आधा” और “कान्हा मोहे ऐसो बनायो” पर जब कलाकारों ने मोहक नृत्य प्रस्तुत किया, तो मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। मयूर महारास और राधा–कृष्ण की भव्य झांकी ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।
भारत, राहुल, शिवा, गौरी और पायल की शानदार प्रस्तुति ने कार्यक्रम को ऊर्जा से भर दिया और दर्शक देर तक झूमते रहे। महोत्सव के तीसरे दिन की प्रस्तुतियाँ कला, संस्कृति और भक्ति से सराबोर रहीं।