
बाराबंकी। महादेवा महोत्सव की तीसरी शाम कला, संस्कृति, भक्ति और मनोरंजन का अद्भुत संगम बन गई। एक ओर भोजपुरी संगीत जगत के स्टार समर सिंह और शिल्पी राज की जोरदार जुगलबंदी ने पंडाल को थिरकने पर मजबूर कर दिया, वहीं दूसरी ओर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रस्तुत भोजपुरी बिरहा ने सामाजिक जागरूकता का संदेश फैलाया।
कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुश्री गुंजिता अग्रवाल, तहसीलदार विपुल कुमार सिंह और बीडीओ जितेंद्र कुमार द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
जैसे ही समर सिंह ने “अचरा के पियार माई हो” और “भोले बाबा बम-बम गूंजेला” जैसे भक्तिमय गीतों के साथ मंच संभाला, पूरा वातावरण शिव भक्ति में रंग गया। “भोले बाबा फेरी न नजरिया”, “सावन में कधा धुआं-धुआं” और “बोल बम की सारी चाही” पर दर्शकों की तालियों और झूमने का सिलसिला लगातार जारी रहा।

इसके बाद शिल्पी राज की एंट्री ने उत्साह को और बढ़ा दिया। समर सिंह संग उनकी जुगलबंदी— “दोहकेबाज रजऊ”, “नाच पतरकी”, “ससुरारी मा हरनवी धई-धई दबाता”, “जान मारै झुलनिया ना” और “गोरा के सुतवैया”—पर लोग कुर्सियों पर खड़े होकर नाचने लगे। भीड़ इतनी अधिक थी कि पंडाल क्षमता से ज्यादा भर गया और देर रात तक लोग भोजपुरी सुरों का आनंद लेते रहे।
इसी बीच सांस्कृतिक मंच पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से रेशमा देवी एंड पार्टी द्वारा भोजपुरी बिरहा की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को सामाजिक चेतना से भर दिया। “स्वच्छ भारत के मिशनवा सब बिरनवा सुनीला न” और “भैया जनि मारा बिटिया के गर्भवा में” जैसे गीतों के माध्यम से कलाकारों ने स्वच्छता, भ्रूण हत्या रोकथाम और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रभावी संदेश दिया। शिवमंगल उज्ज्वला योजना सहित अन्य लोककल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी लोकधुनों में पिरोकर प्रस्तुत की गई।
मदनलाल लहरी, रेशमा देवी, राम सजीवन, सीताराम और राम लखन की भूमिका सराहनीय रही। दर्शकों ने महोत्सव की इस तीसरी शाम को मनोरंजन, भक्ति और जनजागरूकता का अनूठा संगम बताया, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।