
बहराइच। विकास भवन सभागार में आयोजित किसान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने किसानों से पराली प्रबंधन और कृषि योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बहराइच कृषि प्रधान जनपद है और जिला प्रशासन किसानों को खाद, बीज, पानी तथा कृषि विभाग की सभी योजनाओं से समयबद्ध रूप से लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। डीएम ने स्पष्ट किया कि किसानों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जा रहा है।
डीएम अक्षय त्रिपाठी ने किसानों को फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य रूप से बनवाने की सलाह दी, ताकि योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार अभिलेख प्रस्तुत न करने पड़ें। उन्होंने पराली जलाने की अभी तक प्राप्त 56 घटनाओं पर चिंता जताई और किसानों से पराली या फसल अवशेष न जलाने की अपील की। डीएम ने कहा कि इनसीटू कृषि यंत्रों का प्रयोग कर पराली को खेतों में मिलाएं और उसे कम्पोस्ट खाद में बदलकर न केवल उत्पादन बढ़ाएं बल्कि अतिरिक्त आय भी प्राप्त करें। उन्होंने कृषक उत्पादक संगठनों से भी अपील की कि पराली प्रबंधन के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करें और पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर पराली जलाने के दुष्प्रभावों की जानकारी दें।
बैठक में प्रगतिशील किसानों लालता प्रसाद गुप्ता, बब्बन सिंह सहित कई किसानों ने रबी सीजन में उर्वरकों की उपलब्धता, त्रिकोलिया के 127 बीजी नलकूप को सुचारू कराने, पाइपलाइन बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत, रुर्बन मिशन परियोजना के अंतर्गत चयनित समितियों को फार्म मशीनरी बैंक योजना की शेष धनराशि जारी करने तथा सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत जैसी मांगें रखीं। कई किसानों ने धान क्रय में आ रही समस्याओं पर भी जिले के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया।
जिलाधिकारी ने किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लेकर संबंधित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
उप कृषि निदेशक विनय कुमार वर्मा ने किसानों से 1 से 31 दिसंबर तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने की अपील की, जिसके अंतर्गत गेहूँ, मसूर और राई-सरसों फसलें अधिसूचित हैं। मात्र 1.5 प्रतिशत प्रीमियम पर किसानों को फसल क्षति होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
बैठक में जिला कृषि अधिकारी डॉ. सूबेदार यादव ने खाद और बीज की उपलब्धता की जानकारी दी, जबकि कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने रबी फसलों की बुवाई से पहले बीज शोधन और लाइन sowing के लाभ बताए। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और बड़ी संख्या में कृषक मौजूद रहे।