
कुशीनगर। प्रख्यात शिक्षाविद पं. अनिरुद्ध शुक्ल की 12वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को मंसाछापर स्थित नेहरू इंटर कॉलेज में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. रामजियावन मौर्य ने कहा कि पं. अनिरुद्ध शुक्ल का शिक्षा व समाजसेवा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान रहा है। उनका संपूर्ण जीवन शिक्षा के उत्थान और समाज के प्रति समर्पण का एक प्रेरक उदाहरण है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पं. शुक्ल के समकालीन मित्र पं. रघुनाथ उपाध्याय ने बताया कि युवा अवस्था में उन्हें नौकरी का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने परिवारिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते हुए नौकरी स्वीकार नहीं की और समाज के बीच रहकर शिक्षा के माध्यम से सेवा का मार्ग चुना।
विशिष्ट अतिथि एवं प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र में लोग उन्हें सम्मानपूर्वक प्रिंसिपल साहब कहकर पुकारते थे। उनमें अनुशासन की दृढ़ता और बच्चों के प्रति दयालुता का अद्भुत समन्वय था। परिषद के संरक्षक गोरख राय ने कहा कि उन्होंने सुशिक्षित समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई।
विशिष्ट अतिथि मदन मोहन पांडेय ने बताया कि पं. शुक्ल का पूरा जीवन पीढ़ियों के निर्माण के लिए समर्पित था। विद्यालय के प्रधानाचार्य अश्विनी पांडेय ने उन्हें कुशीनगर में स्काउट आंदोलन का संस्थापक बताया।
सेवानिवृत्त शिक्षक मार्कण्डेय कुमार गौतम ने उनकी सबसे बड़ी विशेषता अभावग्रस्त बच्चों की निस्वार्थ सहायता को बताया। रियल पैराडाइज एकेडमी की प्रिंसिपल डॉ. सुनीता पांडेय ने भावुक होकर कहा कि पहली मुलाकात में उन्होंने इंग्लिश मीडियम विद्यालय को लेकर आपत्ति जताई थी, पर बाद में अपने पौत्रों का नामांकन वहीं कराकर उन्होंने उनके कार्य को स्वीकार्यता दी।
पूर्व प्रधान सुरेंद्र उपाध्याय सहित कई अतिथियों ने भी श्रद्धांजलि दी। पं. शुक्ल के सुपुत्र एवं हनुमान इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र दत्त शुक्ल ने पिता की स्मृतियों को साझा करते हुए अतिथियों के प्रति आभार जताया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य साधु शरण पांडेय ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का विस्तृत वर्णन किया। कार्यक्रम का संचालन दिनेश तिवारी भोजपुरिया ने किया। समारोह की शुरुआत में अतिथियों एवं विद्यालय स्टाफ ने पं. अनिरुद्ध शुक्ल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।