
अछनेरा। गांव नागर के किसानों द्वारा रेलवे पुल निर्माण के विरोध में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को 11वें दिन भी जारी रहा। किसानों का कहना है कि लगातार प्रदर्शन के बावजूद न तो जिला प्रशासन और न ही रेलवे विभाग का कोई अधिकारी उनकी समस्याओं को सुनने पहुंचा, जिससे किसानों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। मामला विकास खंड अछनेरा के गांव नागर का है, जहां चकरोड़ संख्या 24 को निर्माणाधीन कीठम–भांडई बाईपास रेल लाइन के चलते बंद कर दिया गया है।
किसानों का आरोप है कि चकरोड़ बंद होने से उनके खेतों तक पहुंचने का रास्ता कई गुना बढ़ गया है, जिससे समय, श्रम और लागत में भारी इजाफा हो रहा है। किसानों का कहना है कि पूर्व में प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अबतक कोई ठोस उपाय नहीं किया गया।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन और रेलवे विभाग किसानों की परेशानी को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक चकरोड़ बहाल नहीं किया जाता या वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था नहीं होती, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
धरने में सोनू नरवार, बलबीर सिंह, सुखपाल सिंह, अचल सिंह, चंद्रवीर सिंह, अशोक नेता जी, मेंबर सिंह, प्रीतम सिंह, शिवराम सिंह, हितेंद्र सिंह, लाखन सिंह, भूरा, मयंक नरवार, सौरभ सिंह, गजवीर सिंह, घनश्याम सिंह, गोविंद सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। किसानों ने कहा कि यदि जल्द समाधान न हुआ तो आंदोलन और उग्र रूप लिया जाएगा।