कोर्ट के आदेश पर विद्युत विभाग कार्यालय में कुर्की, 10 साल पुराने मुआवजा केस में हुई कार्रवाई

रामनगर (बाराबंकी)। शुक्रवार दोपहर कोर्ट के आदेश पर विद्युत वितरण खंड बुड़वल द्वितीय के कार्यालय पर कुर्की की बड़ी कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई लगभग 10 वर्ष पुराने उस मामले में हुई, जिसमें बड़ा गांव निवासी कैलाश की खुले बिजली के तारों की चपेट में आने से मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों को लंबे समय तक मुआवजा नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने न्याय के लिए अदालत का सहारा लिया।

घटना वर्ष 2016 की है, जब कैलाश ट्रांसफॉर्मर के पास बिना सुरक्षा कवच के घास में पड़े खुले बिजली के तारों की चपेट में आ गए थे। हादसे में उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। मृतक के पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि “पिताजी की मौत को 10 साल हो गए, लेकिन उचित मुआवजा न मिलने के कारण हमें कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। अदालत के आदेश के बाद ही यह कुर्की संभव हो पाई।”

शुक्रवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गूंजिता अग्रवाल के नेतृत्व में तहसील प्रशासन ने विद्युत कार्यालय में पहुंचकर कुर्की की कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम में थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पांडे, उपनिरीक्षक राजकुमार कनौजिया, महिला उपनिरीक्षक नीतू, आरक्षी अमित विश्वकर्मा और शिवमोहन शामिल रहे। कोर्ट के निर्देश के अनुसार विद्युत विभाग कार्यालय से करीब 10 लाख रुपये की कुर्की की गई।

इस कार्रवाई के बाद अधिशासी अभियंता कार्यालय के कर्मचारियों ने अपनी सफाई में कहा कि घटना 2016 की है, जबकि रामनगर विद्युत डिवीजन अक्टूबर 2018 में बना था। उससे पहले यह पूरा क्षेत्र बाराबंकी डिवीजन के अंतर्गत आता था। कर्मचारियों ने तर्क दिया कि “उस समय की जिम्मेदारी तत्कालीन बाराबंकी डिवीजन की थी, इसलिए वर्तमान डिवीजन को दोषी ठहराना उचित नहीं है।”

इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार तहसील प्रशासन ने शुक्रवार को मौके पर पहुंचकर कुर्की प्रक्रिया पूरी की। अधिशासी अभियंता विद्युत खालिद सिद्दीकी ने बताया कि “यह मामला 2016 का है। कोर्ट के आदेश पर कुर्की की प्रक्रिया पूरी की गई है और पीड़ित परिवार को भुगतान कराया जाएगा।”