
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रिय कुंभनगरी में चल रहे मतदाता सूची विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर सर्वेक्षण) में सोमवार को बड़ा विवाद सामने आया। करेली क्षेत्र के एक एसआईआर बूथ पर बीएलओ की अनुपस्थिति से नाराज़ मतदाताओं ने हंगामा कर दिया। इस दौरान एक वोटर के वाजिब सवाल पर बीएलओ के सुपरवाइजर के भड़कने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने का आरोप भी लगा। धमकी का एक वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ है, हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि अखबार नहीं करता।
मामला करेली के एक सरकारी स्कूल में बने एसआईआर बूथ का है। यहां करीब 18–19 हजार वोटरों का सर्वे होना है और दस बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन कई दिनों से एक बीएलओ बूथ पर नहीं पहुंच रहे थे, जबकि सोमवार को सर्वे करवाने आए बड़ी संख्या में मतदाता वहां पहुंचे थे। बीएलओ न मिलने पर वोटरों ने सुपरवाइजर से सवाल किया, जिस पर वह भड़क उठा और विवाद की स्थिति बन गई।
वोटरों का आरोप है कि पिछले पाँच दिनों से वे बूथ के चक्कर लगा रहे हैं, न बीएलओ मिल रहे हैं और न ही एसआईआर फॉर्म। फोन करने पर कॉल भी रिसीव नहीं की जा रही। इससे बड़ी संख्या में लोग अपना सर्वे कराए बिना लौटने को मजबूर हैं।
उधर, कर्नलगंज थाने में चुनाव आयोग की ओर से एक बीएलओ के विरुद्ध लापरवाही के चलते पहले ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। एसआईआर सर्वेक्षण में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साथ तहसील में स्टाम्प पेपर बेचने वाले मुंशी तक को बीएलओ बना दिया गया है। कई जगह ऐसी भी शिकायतें हैं कि जिन्हें बीएलओ बनाया गया है, उनके स्थान पर उनके परिजन ड्यूटी कर रहे हैं।
मतदाता सवाल उठा रहे हैं कि जब बीएलओ ही ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हैं और आधारभूत गणना तक सही ढंग से नहीं कर पा रहे, तो इतना महत्वपूर्ण सर्वेक्षण कैसे सही तरह से पूरा होगा? शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में इन खामियों के कारण मतदाताओं में भारी नाराज़गी देखी जा रही है।