बिहार पंचमी पर 140 एकड़ में पंचवटी रोपण पहल की शुरुआत, संतों के सानिध्य में हुआ वृक्षारोपण

वृन्दावन। बिहार पंचमी के पावन अवसर पर रविवार को कुंभ मेला क्षेत्र में एक अनूठी एवं व्यापक वृक्षारोपण पहल की शुरुआत हुई। इनफिनिटी ग्रुप और ब्रज तीर्थ विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस “पंचवटी रोपण महोत्सव” के अंतर्गत 140 एकड़ के पुनरुद्धार क्षेत्र में 108 पंचवटी—अर्थात् कुल 540 पवित्र वृक्षों के रोपण का महाभियान प्रारंभ हुआ। ब्रज के प्रमुख संतों की दिव्य उपस्थिति में आरंभ हुए इस आयोजन ने आध्यात्मिक और पर्यावरणीय जुड़ाव की एक नई मिसाल पेश की।

यह रोपण क्षेत्र परिक्रमा मार्ग और पावन यमुना तट के मध्य स्थित है, जिसे पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित, समृद्ध और आध्यात्मिक रूप से जीवंत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनफिनिटी ग्रुप के चेयरमैन रविंद्र चमरिया ने बताया कि यह परियोजना समूह की दीर्घकालिक सीएसआर प्रतिबद्धता के अंतर्गत संचालित हो रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य वृन्दावन धाम की प्राचीन वन–संपदा का संरक्षण और पुनर्जीवन है। उन्होंने कहा कि वृन्दावन धाम का आध्यात्मिक महत्व वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है, ऐसे में इसकी प्राकृतिक पहचान को सुरक्षित रखना सर्वोपरि जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने किया। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी और होली जैसे विशाल उत्सवों के दौरान एक ही दिन में 5 लाख से अधिक तीर्थयात्री इस कॉरिडोर से गुजरते हैं। ऐसे में वृक्षों की सघनता, हरित आवरण और पर्यावरणीय स्वास्थ्य न केवल क्षेत्र की प्राकृतिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि तीर्थयात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने परियोजना की सराहना करते हुए कहा कि ब्रज की पावन भूमि, इसकी वृक्षावलियां और पारंपरिक वन-संरचनाएं यहां के आध्यात्मिक स्वरूप का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने संत समाज और विद्वतजनों से इस पवित्र अभियान के समर्थन और आशीर्वाद की अपेक्षा व्यक्त की।

कार्यक्रम के दौरान ब्रज के अनेक सुप्रसिद्ध संतों—संत गिरीषानंद महाराज, अनंतवीर महाराज, महंत फूलडोल बिहारी महाराज, सूरमा कुंज के महंत प्रेमदास शास्त्री महाराज, महामंडलेश्वर डॉ. आदित्यानंद महाराज, महामंडलेश्वर परमेश्वर दास त्यागी महाराज, पीपा द्वाराचार्य बलराम दास महाराज—ने पंचवटी वृक्षारोपण में सहभागी बनकर इस पावन कार्य को दिव्यता प्रदान की। इसी क्रम में कृष्ण भूमि के सीएमओ रविशंकर, तीर्थ पुरोहित पं. श्यामसुंदर गौतम और अन्य प्रतिष्ठित जन भी उपस्थित रहे।

इस आध्यात्मिक–पर्यावरणीय यज्ञ के साथ ही आयोजित सांस्कृतिक संध्या ने सभी का मन मोह लिया। मोहन वीणा के जनक एवं ग्रैमी पुरस्कार विजेता पं. विश्व मोहन भट्ट, सात्विक वीणा के प्रणेता पं. सलिल भट्ट तथा तीन बार के ग्रैमी विजेता प्रसिद्ध बांसुरी वादक पं. अजय प्रसन्ना की संगति ने वातावरण को दिव्य रस से भर दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने न केवल संगीत-प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि पंचवटी रोपण के इस पवित्र अवसर को एक अविस्मरणीय और भावपूर्ण स्मृति में परिवर्तित कर दिया।

बिहार पंचमी का यह पंचवटी रोपण महोत्सव ब्रज की वन-विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है, जो अध्यात्म, प्रकृति और संस्कृति के समन्वय की ब्रज भूमि की अद्वितीय परंपरा को और मजबूत करता है।