राज्यसभा सांसद संजय सिंह बोले—एसआईआर प्रक्रिया सबसे बड़ा घोटाला

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने 12 नवंबर से बेरोजगारी और सामाजिक न्याय को लेकर पदयात्रा शुरू की थी, क्योंकि यूपी का हर वर्ग बेरोजगारी से त्रस्त है। 13 दिनों की यात्रा के दौरान विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई, जिसमें प्रयागराज विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि यूपी में असली मुद्दों पर चर्चा ही नहीं होती—सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, पेपर लीक हो रहे हैं और छात्रों पर लाठीचार्ज तक किया जा रहा है।

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी असल मुद्दों को दबाने और ध्यान भटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार, मुसलमानों के खिलाफ नफरत और व्यापारियों की दुकानों पर कार्रवाई जैसे मामलों से जनमानस त्रस्त है।

उन्होंने बताया कि पदयात्रा कुल 8 चरणों में निकाली जाएगी, जिसमें पूर्वांचल, बुंदेलखंड, रुहेलखंड सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। अगला चरण 25 से 29 दिसंबर तक रामपुर से अमरोहा तक निकाला जाएगा।

एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा कि इस प्रक्रिया में अब तक 17 बीएलओ की मौत हो चुकी है, इसलिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक माह में पूरी प्रक्रिया पूरी कराने का दबाव डाला जा रहा है जबकि चुनाव में डेढ़ साल का समय बचा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर में जाति देखकर फॉर्म बांटे जा रहे हैं—यादव, मुस्लिम, पासी, कुर्मी सहित कई वर्गों के नाम काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “एसआईआर सबसे बड़ा घोटाला है और मैं इसे संसद में जोरदार तरीके से उठाऊंगा।”

उन्होंने बिहार में विदेशी नागरिकों को लेकर गलत आंकड़े पेश किए जाने पर भी सवाल उठाए। साथ ही कहा कि “मोदी जी ने ध्वजारोहण किया है, यह अच्छी बात है, लेकिन सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम न करे।”