शांत और स्थिर मन से ही विश्व शांति और विश्व एकता की नींव बनती है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर, सुल्तानपुर रोड में आयोजित राज्य स्तरीय वार्षिक थीम शुभारंभ समारोह में ब्रह्माकुमारी बहनों को एकता और विश्वास का दिव्य कलश सौंपकर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जैसे ही राष्ट्रपति ने “ओम शांति” के साथ अपना संबोधन प्रारंभ किया, पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने मन, अध्यात्म, संस्कृति, मूल्य और राष्ट्रीय नीतियों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि “शांत और स्थिर मन समाज में शांति का बीज होता है और वहीं से विश्व शांति और विश्व एकता की नींव बनती है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वास वहीं टिकता है, जहाँ मन शांत, विचार स्वस्थ और भावनाएँ शुद्ध हों। कुछ क्षण स्वयं से संवाद करके हमें यह अनुभव होता है कि शांति और आनंद हमारे भीतर ही निवास करते हैं। आध्यात्मिक चेतना जागृत होने पर प्रेम, करुणा, भाईचारा और एकता का विस्तार स्वाभाविक रूप से होता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि “हम सब मिलकर एक बेहतर और शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।”

राष्ट्रपति मुर्मु ने ब्रह्माकुमारी संस्था की समाज, शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, आंतरिक जागृति और विश्व शांति के क्षेत्र में सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान सुंदर विश्व निर्माण का संवाहक बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश दिया है और आज जब विश्व अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, यह विचार और भी प्रासंगिक हो गया है।

उन्होंने भारत सरकार की नीतियों—योग को वैश्विक मंच पर बढ़ावा, मिशन लाइफ, मूल्य आधारित शिक्षा, महिला सम्मान और G-20 की थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर—का उल्लेख करते हुए कहा कि मानवता का भविष्य संवाद, विश्वास और आध्यात्मिक चेतना में ही सुरक्षित है।

राष्ट्रपति ने तकनीकी युग के तनाव, अविश्वास और एकाकीपन का उल्लेख करते हुए कहा कि आधुनिक प्रगति के साथ-साथ अब आवश्यकता है कि मनुष्य अपने भीतर की यात्रा भी प्रारंभ करे—और यही कार्य ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्व परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का प्रथम मार्ग है। उन्होंने राजयोग को सकारात्मक जीवनशैली बताते हुए कहा कि यह साधना मानव चेतना को जागृत कर समाज को एकजुट करती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आतंकवाद और उपद्रव के पीछे मन की चंचल प्रवृत्तियाँ ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का जीवन संघर्ष, प्रेरणा और आदर्श का प्रतीक है। योगी ने बताया कि यह केंद्र पूरे प्रदेश के लिए राजयोग प्रशिक्षण का आदर्श बनेगा।

गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर की निदेशिका बीके राधा दीदी ने कहा कि अभियान का उद्देश्य लोगों में आपसी विश्वास और विश्व एकता का संदेश फैलाना है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में गांव-गांव और शहर-शहर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ

राष्ट्रपति मुर्मु, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी ने परिसर में पौधारोपण किया।

राष्ट्रपति कुछ समय के लिए मेडिटेशन रूम में शांत ध्यान में मग्न रहीं।

विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारियों के साथ स्नेह मुलाकात और फोटो सेशन आयोजित हुआ।

रायपुर के कलाकार हितेंद्र भाई ने राष्ट्रपति और गुलजार दादी की आकर्षक रंगोली बनाई।

मथुरा के कलाकारों ने श्रीकृष्ण-राधा व गोपियों के रूप में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

पूरा परिसर सुरक्षा की दृष्टि से छावनी में तब्दील, केवल पासधारी व्यक्तियों को ही प्रवेश।

कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।