
प्रयागराज। प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के नाम का दुरुपयोग कर शहर के नामचीन गर्ल्स स्कूल में दो बच्चियों का प्रवेश दिलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला पकड़ में आने पर स्कूल प्रबंधन ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रामाश्रय यादव ने बताया कि शिकायत में दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है। नंबर किसका है, यह पता लगाने के लिए जांच जारी है। हालांकि स्कूल स्टाफ इस मामले में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहा है।
कैसे हुआ पूरा फर्जीवाड़ा?
जुलाई माह में शहर के गर्ल्स हाई स्कूल (GHS) में बिशप डाइसिस ऑफ लखनऊ के मोरिस एडगर दान के पीए आर्थी तिमोथी के मोबाइल पर एक महिला का फोन आया। महिला ने खुद को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी बताया।
उसने कहा कि उनके “खास परिचित” की दो बेटियों का स्कूल में एडमिशन कराना है। कई बार फोन करके दोनों बच्चियों के प्रवेश के लिए दबाव बनाया गया।
फोन कॉल की लगातार दबावपूर्ण प्रकृति को देखते हुए प्रबंधन ने बातचीत कर दोनों बच्चियों का स्कूल में प्रवेश करा दिया। बच्चियां पढ़ाई भी शुरू कर चुकी थीं।
संदेह कैसे हुआ?
हाल ही में स्कूल में एक कार्यक्रम की तैयारी हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यमंत्री रजनी तिवारी का नाम प्रस्तावित किया गया। तर्क था कि कुछ महीने पहले वे खुद बच्चियों के एडमिशन के लिए फोन कर चुकी हैं।
इस पर स्कूल प्रबंधन ने उसी नंबर पर दोबारा कॉल किया—
लेकिन सामने आया कि यह नंबर मंत्री रजनी तिवारी का नहीं है।
स्पष्ट हुआ कि किसी महिला ने मंत्री का नाम लेकर उनके पद का दुरुपयोग कर प्रवेश दिलाया था।
अभिभावक ने भी किया इंकार
स्कूल ने दोनों बच्चियों के अभिभावकों को बुलाकर पूछताछ की।
अभिभावक ने साफ कहा—
वे मंत्री रजनी तिवारी को जानते तक नहीं
उन्होंने किसी से सिफारिश नहीं कराई
इसके बाद स्कूल प्रिंसिपल को शक हुआ और पूरी जानकारी के साथ सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी गई।
FIR दर्ज, जांच जारी
पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और कॉल करने वाली महिला की पहचान की जा रही है।
यह मामला शिक्षा व्यवस्था से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है, जिसमें मंत्री का नाम लेकर छात्रों के प्रवेश को प्रभावित किया गया।