निघासन रोड पर ओवरलोडिंग से बाल-बाल बची बड़ी घटना, जनमानस में बढ़ा गुस्सा

पलियाकलां-खीरी। क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बजाज चीनी मिल में पेराई सत्र शुरू होते ही ओवरलोडिंग और जाम की समस्या दोबारा सिर उठाने लगी है। आलम यह है कि पलिया क्षेत्र की जनता रोजाना जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। खासकर भीरा और निघासन रोड पर हादसे होना अब रोजमर्रा की बात बन गई है।

शनिवार को निघासन रोड पर एक बड़ी दुर्घटना टलते-टलते बची। एक ओवरलोड ट्रक में गन्ने का इतना अत्यधिक भार था कि दबाव के कारण ट्रक के पहियों के बोल्ट ही कतर गए। जोरदार आवाज के साथ ट्रक सड़क पर तिरछा खड़ा हो गया। गनीमत रही कि उस समय सड़क पर अधिक भीड़ नहीं थी, वरना जानमाल की भारी क्षति हो सकती थी।

मौके पर मौजूद राहगीरों ने बताया कि—

“ऐसी घटनाएं हर दूसरे दिन होती हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से केवल कागजी कार्रवाई की जाती है। जमीनी स्तर पर रोकथाम शून्य है।”

स्थानीय लोगों का कहना है कि पेराई सत्र शुरू होते ही गन्ना ढोने वाले वाहनों में बिना किसी जांच के मनमानी ओवरलोडिंग की जाती है। नतीजा—

सड़कें लगातार जाम रहती हैं

हादसे बढ़ रहे हैं

लोगों का सफर खतरनाक हो गया है

जनता सवाल उठा रही है कि आखिर आरटीओ और स्थानीय प्रशासन की निगाहें कब खुलेंगी? आरोप है कि विभागों द्वारा कार्रवाई न होने से वाहन चालक बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

क्षेत्रवासी प्रशासन से सख्त अभियान चलाने और ओवरलोडिंग पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:

“यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में हालात और भी भयावह हो सकते हैं।”