श्रीमद्भागवत अमृत कथा से महक रहा नौरंगाबाद—धुंधकारी कथा की मार्मिक व्याख्या से भक्त भावविभोर

लखीमपुर खीरी। नौरंगाबाद स्थित चंदेल लॉन एक बार फिर दिव्य आध्यात्मिक आभा से आलोकित हो उठा। 7 दिसंबर से आरंभ हुए श्रीमद्भागवत भक्ति ज्ञानयज्ञ के दूसरे दिन वृन्दावन धाम से पधारे पंडित अमित कृष्ण जी महाराज ने भागवत शब्द की व्याख्या और धुंधकारी कथा का भावपूर्ण वर्णन कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।

लगातार 18 वर्षों से अनवरत चल रहा यह आध्यात्मिक उत्सव अब नगर की विशेष पहचान बन चुका है—एक ऐसा आयोजन जहाँ कथा केवल सुनी नहीं जाती, बल्कि जीवन में उतरकर प्रकाश का मार्ग दिखाती है। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक कथा का आयोजन हो रहा है, जिसमें श्रीमद्भागवत की मधुर रसधारा श्रोताओं को भक्ति, ज्ञान और जीवन मूल्यों की ओर अग्रसर कर रही है।

कथावाचक के श्रीमुख से निकली अमृतमयी वाणी न केवल भक्तों को भक्ति-भाव से सराबोर कर रही है, बल्कि जीवन के जटिल प्रश्नों का सरल और दिव्य समाधान भी प्रदान कर रही है।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आयोजन समिति के महासचिव एवं भारत विकास परिषद संस्कृति शाखा, लखीमपुर के अध्यक्ष एड. आर्येन्द्र पाल सिंह ने क्षेत्रवासियों से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर इस आध्यात्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने का आग्रह किया है।

कार्यक्रम में आर्येन्द्र सिंह, संयोजक संदीप सिंह, आचार्य संजय मिश्रा, शिशिर अवस्थी, ईशान गुप्ता, राज शेखर, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, इन्द्रजीत सिंह, डॉ. सुशीला सिंह, वीरेंद्र बहादुर सिंह, प्रदीप सिंह, बोधमणि मिश्रा, सुनील सिंह, शैलेन्द्र कुमार मौर्या सहित पूरी टीम तत्परता से कार्यरत है।

यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं—संस्कार, संस्कृति और समर्पण का जीवंत संगम है, जहाँ कथा का हर श्लोक और प्रसंग जनमानस को निरंतर प्रेरणा प्रदान कर रहा है।