
कोठी। जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और निजी अवैध अस्पतालों की मिलीभगत एक बार फिर उजागर हुई है। अप्रशिक्षित डॉक्टरों और उपकरणों के अभाव में इलाज के दौरान मरीजों की जान जा रही है, लेकिन विभागीय कार्रवाई नदारद है। दो दिन पहले कोठी थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित श्री दामोदर औषधालय में पथरी के ऑपरेशन के दौरान दलित महिला की मौत ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया।
घटना के बाद परिजनों के हंगामे पर पुलिस हरकत में आई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। मृतका मुनिशरा रावत (38) के भाई रंजीत कुमार रावत ने बताया कि पथरी की शिकायत पर कथित डॉक्टर ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने ऑपरेशन की सलाह दी थी। छह दिसंबर को ऑपरेशन किया गया, जिसके तुरंत बाद महिला की अस्पताल में ही मौत हो गई।
सोमवार को मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ कार्यालय से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम—
एसीएमओ डॉ. लवभूषण गुप्ता
सीएचसी सिद्धौर के अधीक्षक डॉ. संजय कुमार पांडेय
अस्पताल पहुंची, लेकिन मेन गेट पर ताला बंद मिला। टीम खाली हाथ लौट गई। अस्पताल संचालक व कथित झोलाछाप डॉक्टर घटना के बाद से फरार है।
एसीएमओ डॉ. एलबी गुप्ता ने बताया कि श्री दामोदर औषधालय का कोई वैध पंजीकरण नहीं है, न ही यह अस्पताल चलाने की अनुमति प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल पूरी तरह अवैध तरीके से संचालित हो रहा था, और इसके विरुद्ध जल्द कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने थाने पर शिकायत दर्ज कराई है, जबकि इंस्पेक्टर कोठी अमित सिंह भदौरिया का कहना है कि अभी तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई न होने से आमजन में नाराजगी है और इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।