
असंद्रा। थाना क्षेत्र के डिगसरी गांव में विवादित जमीन की पैमाइश को लेकर काश्तकार ने गंभीर आपत्ति जताई है। काश्तकार घनश्याम रावत ने उच्चाधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि गलत तरीके से पैमाइश कराकर उनके कब्जे की जमीन उनके चाचा को दे दी गई है, जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल की मिलीभगत शामिल है।
घनश्याम रावत के मुताबिक, उनके पिता मुनेश्वर रावत के नाम गाटा संख्या 270 मि/0.040 भूमि दर्ज है। कुछ समय पहले राजस्व टीम ने पैमाइश कराकर उन्हें कब्जा दिलाया था और वे उसी के अनुसार जमीन पर काबिज थे। लेकिन हाल ही में उनके चाचा राम बिहारी ने जमीन की दोबारा पैमाइश कराई। आरोप है कि नई पैमाइश में उनका कब्जा हटाकर वहां सीमेंट के खंभे गाड़ दिए गए हैं।
पीड़ित घनश्याम ने इस पैमाइश को गलत बताते हुए आपत्ति दर्ज की है। उनका कहना है कि राजस्व विभाग और क्षेत्रीय लेखपाल की सांठगांठ से उनकी जमीन जबरन बदल दी गई है। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग के साथ-साथ लगाए गए सीमेंट के खंभे हटाने की गुहार लगाई है।
इस मामले में रामसनेहीघाट तहसील के क्षेत्रीय लेखपाल रजनीकांत वाजपेयी ने बताया कि शनिवार को जमीन की पैमाइश कराई गई थी। लेखपाल का कहना है कि यदि काश्तकार असंतुष्ट थे, तो उन्हें उसी समय आपत्ति दर्ज करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मौके पर दो दर्जन से अधिक लोगों की मौजूदगी में घनश्याम ने स्थल मेमो पर हस्ताक्षर कर संतुष्टि जताई थी। लेखपाल के अनुसार रक्बा कम मिलने के बावजूद शिकायतकर्ता को अधिक जमीन देकर संतुष्ट किया गया था। ऐसे में अब लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।