
आगरा। कटरा वज़ीर खा स्थित राधा कृष्ण मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन आचार्य श्री रमाकांत शास्त्री ने लोगों को ठाकुर जी महाराज के लगने वाले छप्पन भोग का महत्व समझाया।
उन्होंने बताया कि ठाकुर जी के छप्पन भोग का अर्थ है 56 प्रकार के भजन, भक्ति, समर्पण और सुख-समृद्धि का प्रतीक। इस भोग के पीछे कई कथाएँ जुड़ी हैं, जिनमें गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। कहा गया कि भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर सात दिन तक कुछ नहीं खाया, और उनके लिए 56 प्रकार के भोग तैयार किए गए, जो सात दिन के आठ पहर के भजन के बराबर थे।
इस अवसर पर आरती और प्रसाद की व्यवस्था सोहन नारायण कुशवाहा, चिंटू राघव, सनी कुशवाहा उर्फ गोलू भाई, सुभाष कुशवाहा, रणजीत सिंह और संजय अग्रवाल ने संभाली। व्यवस्थापक अनिल पंडित एवं राधा कृष्ण मंदिर के महंत उपस्थित रहे।