
फतेहाबाद। आगरा–लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर रविवार सुबह घने कोहरे के बीच बनाए गए अव्यवस्थित डायवर्जन के कारण बड़ा हादसा होते-होते टल गया। किलोमीटर 14+200 के पास आगरा से लखनऊ की ओर जा रहे वाहनों की आपस में टक्कर हो गई, जिसमें करीब 10 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सड़क मरम्मत कार्य कर रही एटलस कंपनी द्वारा लगाए गए ड्रम घने कोहरे में दिखाई नहीं दे रहे थे। अचानक सामने आए ड्रम और डायवर्जन को देखकर वाहन चालकों ने ब्रेक लगाए, लेकिन पीछे से आ रहे वाहन एक के बाद एक टकराते चले गए और कुछ ही पलों में कई वाहनों की भिड़ंत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही यूपीडा टीम के साथ एसीपी फतेहाबाद अनिल कुमार, थानाध्यक्ष डौकी सुनीत शर्मा और चौकी प्रभारी नदौता डौकी अनुज नागर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को पीली पट्टी (येलो लाइन) में खड़ा कर यातायात को नियंत्रित कराया। सभी वाहन स्वामियों ने प्राइवेट क्रेन मंगवाकर अपनी-अपनी गाड़ियों को गंतव्य के लिए रवाना किया।
क्षतिग्रस्त वाहनों का विवरण:
जीवन कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार (UP32 Q 2430), मिथिलेश श्रीवास्तव (DL12 CS 6661), सुनील गुप्ता पुत्र वीरेंद्र गुप्ता (UP78 GA 0180), रंजीत पुत्र भोला यादव (HR38 AA 7577), UP32 CQ 3155 (ग्रैंड विटारा), HR87 U 6149, UP74 AK 0560 (ऑरा), UP60 AN 3839 और UP80 2096 सहित अन्य वाहन शामिल हैं।
स्थानीय लोगों ने सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाते हुए बताया कि डायवर्जन के लिए लगाए गए ड्रमों पर न तो रिफ्लेक्टर लगे थे और न ही फ्लैशर लाइट या पर्याप्त चेतावनी संकेत। कोहरे के मौसम में यह गंभीर लापरवाही है। लोगों ने मांग की है कि मरम्मत कार्य के दौरान सीमित दूरी में ही डायवर्जन किया जाए और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराया जाए।
इस संबंध में एएसओ प्रथम सुधीश कुमार शुक्ला ने बताया कि सभी क्षतिग्रस्त वाहनों को सुरक्षित स्थान पर खड़ा कराकर यातायात सुचारु करा दिया गया है।