
सूरतगंज बाराबंकी। सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर आई राज्य स्तरीय टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सूरतगंज में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का गहन निरीक्षण किया। टीम में क्षय रोग अधिकारी एवं डिप्टी सीएमओ श्रावस्ती डॉ. संत कुमार तथा जनपद डाटा मैनेजर आजाद खान शामिल रहे। निरीक्षण के उपरांत टीम शासन को गोपनीय रिपोर्ट सौंपेगी।
टीम ने इमरजेंसी कक्ष का निरीक्षण कर ओपीडी में आने वाले मरीजों की जानकारी मौके पर तैनात डॉ. फुरकान से ली। उन्होंने बताया कि सीएचसी सूरतगंज तराई क्षेत्र का एक बड़ा स्वास्थ्य केंद्र है, जहां प्रतिदिन लगभग चार से पांच सौ मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इसके बाद टीम ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शांभवी कलहंस से गर्भवती महिलाओं की जांच एवं अल्ट्रासाउंड सुविधा के बारे में जानकारी ली। केंद्र पर जांच सुविधाएं उपलब्ध होने, जबकि अल्ट्रासाउंड बाहर से कराए जाने की जानकारी पर टीम ने संज्ञान लिया।
दवाओं के भंडारण एवं एक्सपायरी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश फार्मेसिस्ट धनंजय सिंह को दिए गए। लेबर रूम में स्टाफ नर्स आकांक्षा रिछालिया, मनीषा पाल एवं सिंपल वर्मा से प्रसव संबंधी प्रक्रियाओं की जानकारी ली गई। नवजात शिशुओं को जन्म के आधे घंटे के भीतर मां का दूध पिलाने की जानकारी पर टीम संतुष्ट दिखी। भर्ती कक्ष में क्योटली की दिव्या भारती से सुविधाओं एवं किसी प्रकार के धन लेन-देन के बारे में पूछताछ की गई, जिस पर किसी भी तरह की वसूली से इनकार किया गया।
कोल्ड चेन रूम के वातावरण की जांच शैल कुमारी द्वारा कराई गई। टीबी कक्ष में पहुंचकर डिप्टी सीएमओ ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर सुरेश राजपूत एवं लैब टेक्नीशियन उमेश प्रताप मिश्रा से टीबी मरीजों की स्थिति की जानकारी ली। बताया गया कि वर्तमान में 353 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 97 प्रतिशत मरीज टीबी मुक्त हो चुके हैं। ब्लॉक की 12 ग्राम पंचायतें वर्ष के अंत तक टीबी मुक्त घोषित की जाएंगी। सौ फीसदी लक्ष्य के सापेक्ष 126 प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने पर टीम ने टीबी स्टाफ की प्रशंसा की।
लैब में मौजूद पाण्डेयपुर निवासी मरीज कुशमा देवी से जांच शुल्क एवं बार-बार बुलाए जाने के संबंध में पूछताछ की गई। किसी भी प्रकार का शुल्क न लिए जाने और जांच प्रक्रिया से संतुष्टि जताने पर टीम ने राहत की सांस ली। परिसर की साफ-सफाई को देखते हुए अधीक्षक डॉ. राजर्षि त्रिपाठी को पद की गरिमा बनाए रखने का सुझाव भी दिया गया। निरीक्षण के दौरान प्रोग्राम नोडल डॉ. नमिता सिंह, बीसीपीएम अभिषेक मौर्य, बीपीएम मनोज श्रीवास्तव सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा। टीम देर शाम रवाना हुई।