सीएम योगी ने पीएसी स्थापना दिवस पर जवानों का बढ़ाया हौसला, कहा—कानून का राज ही प्रदेश के आत्मविश्वास की ताकत


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) बल के स्थापना के 78 गौरवशाली वर्षों के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पीएसी के सभी अधिकारियों व जवानों को शुभकामनाएं देते हुए उनके साहस, अनुशासन और समर्पण की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएसी बल न केवल प्रदेश की कानून-व्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि आपदा प्रबंधन, पर्व-त्योहारों की सुरक्षा, अति विशिष्ट महानुभावों के आगमन और लोकतंत्र के पर्व चुनावों में भी इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएसी का गौरवशाली इतिहास देश की सुरक्षा में बलिदान और शौर्य से भरा रहा है। वर्ष 2001 में संसद पर हुए कायराना आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब उस समय सुरक्षा में तैनात 30वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने दिया था, जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। ऐसे उदाहरण पीएसी के अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक हैं।

सीएम योगी ने बताया कि उनकी सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। पीएसी बल को अत्याधुनिक हथियारों और दंगा नियंत्रण के आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित किया गया है, जिससे बल की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार संसाधन और तकनीक उपलब्ध करा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएसी बल में 41,893 आरक्षियों के साथ-साथ प्लाटून कमांडरों की भर्ती की गई है। इसके अतिरिक्त, सीधी भर्ती के अंतर्गत आरक्षियों और प्लाटून कमांडरों के 15 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रचलित है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए तीन महिला बटालियनों की भी स्थापना की गई है, जो प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है।

उन्होंने बताया कि आज उत्तर प्रदेश में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) भी आपदा के समय महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पहली बार 480 कुशल खिलाड़ियों की भर्ती की गई है, जबकि 768 पदों पर भर्ती और अधियाचन की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर खेल बजट को 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया, जिससे पुलिस बल में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।

सीएम योगी ने कहा कि विगत आठ वर्षों में प्रदेश में सुरक्षा और सुशासन का बेहतरीन माहौल बनाने के लिए 2 लाख 19 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। आज पुलिस बल में 44 हजार से अधिक महिला कार्मिक सेवाएं दे रही हैं। पुलिस अवसंरचना में भी बड़ा बदलाव आया है, जहां जर्जर भवनों के स्थान पर आधुनिक हाई-राइज भवनों का निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉडर्न पुलिसिंग, साइबर थाना और साइबर सेल आज उत्तर प्रदेश पुलिस की पहचान बन चुके हैं। प्रदेश में अत्याधुनिक एफएसएल लैब्स तैयार हैं और 17 नगर निगम क्षेत्रों में सेफ सिटी के लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उत्तर प्रदेश में जो आत्मविश्वास आज दिखाई देता है, उसके पीछे कानून का राज ही सबसे बड़ा कारण है।

कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस पीएसी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर और अन्य उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए। वंदेमातरम का सामूहिक गायन हुआ, जिसे मुख्यमंत्री ने आजादी के समय युवाओं में जोश और प्रेरणा भरने वाला राष्ट्रीय गीत बताया और बैंड टीम को हृदय से बधाई दी।

अंत में मुख्यमंत्री ने जवानों से कहा कि उनका साहस, अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण ही उनकी असली पहचान है। सरकार पीएसी बल को आश्वस्त करती है कि उनके सम्मान, संसाधनों और कल्याण के लिए वह हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी।