
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है, जो 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक चलेगा। सत्र की शुरुआत सदन में दिवंगत विधायक स्वर्गीय सुधाकर सिंह के निधन पर शोकसभा के साथ की गई। शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। सत्र के दौरान शनिवार और रविवार को अवकाश रहने के कारण इन दोनों दिनों में विधानसभा की कार्यवाही नहीं होगी।
इस शीतकालीन सत्र में सरकार का प्रमुख एजेंडा अनुपूरक बजट पेश करना है। विधानसभा में 22 दिसंबर को अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार की ओर से इस बजट को प्रदेश की विकास योजनाओं, कल्याणकारी कार्यक्रमों और विभागीय आवश्यकताओं से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके माध्यम से सरकार विभिन्न योजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान करने की तैयारी में है। इसी दिन सदन में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ को लेकर भी चर्चा कराए जाने की संभावना है, जिसे लेकर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा सकते हैं।
23 दिसंबर को विधानसभा में विधायी कार्यों को निपटाने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इस दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को सदन के पटल पर रखकर उन्हें पारित कराने का प्रयास करेगी। सूत्रों के अनुसार कुछ विधेयक प्रशासनिक सुधारों, विकास योजनाओं और नीतिगत फैसलों से जुड़े हो सकते हैं। सरकार की मंशा है कि सत्र के सीमित समय का अधिकतम उपयोग करते हुए लंबित विधायी कार्यों को पूरा किया जाए।
सत्र के अंतिम दिन 24 दिसंबर को अनुपूरक बजट पर विस्तृत चर्चा होगी। इस दौरान सत्ता पक्ष जहां सरकार की उपलब्धियों और बजट की जरूरतों को सदन के सामने रखेगा, वहीं विपक्ष बजट प्रावधानों, वित्तीय प्रबंधन और विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति अपनाएगा। विपक्षी दलों ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि वे महंगाई, कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार से जवाब मांगेंगे।
विधानसभा सूत्रों के अनुसार शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। सरकार अनुपूरक बजट और विधेयकों को पारित कराने पर जोर देगी, जबकि विपक्ष सदन में तीखी बहस और विरोध के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। सीमित कार्यदिवसों के बावजूद इस सत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज रहने की पूरी संभावना है।