विद्यार्थी समस्या सुलझाने वाले बनें, स्वपूर्ण पाठ्यक्रम करेगा मदद – ललित जोशी


बहराइच। पीएम श्री राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के सभागार में आयोजित चार दिवसीय इमोशनल वेल-बीइंग कार्यशाला का आज सफल समापन हुआ। कार्यशाला के अंतिम सत्र में शिक्षकों ने आपसी सहभागिता के साथ एक-दूसरे को प्रमाणपत्र प्रदान किए और अपने अनुभव साझा किए। शिक्षकों ने बताया कि यह कार्यशाला न केवल पेशेवर रूप से बल्कि व्यक्तिगत जीवन के लिए भी अत्यंत उपयोगी रही और उन्होंने स्वपूर्ण पाठ्यक्रम से मिली सीख को अपने जीवन व शिक्षण कार्य में अपनाने का संकल्प लिया।
कार्यशाला में बताया गया कि स्वपूर्ण कालांश के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह दो राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की कक्षा 9 में सामाजिक-भावनात्मक सीख, 21वीं सदी के कौशल और करियर जागरूकता से जुड़े सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा (माध्यमिक), उत्तर प्रदेश और मेधा लर्निंग फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जा रहा है। स्वपूर्ण पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विकसित किया गया है, जिसमें समग्र विकास, जीवन कौशल और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए समग्र शिक्षा माध्यमिक, लखनऊ के पीएएमओयू सदस्य एवं मेधा लर्निंग फाउंडेशन से जुड़े ललित जोशी ने कहा कि एनईपी 2020 के अनुसार विद्यार्थियों को केवल परीक्षा-केंद्रित नहीं बल्कि समस्याओं को समझने और समाधान खोजने में सक्षम बनाना आवश्यक है। स्वपूर्ण पाठ्यक्रम की अनुभवात्मक गतिविधियां विद्यार्थियों को अपनी भावनाओं को पहचानने, उन्हें सकारात्मक ढंग से व्यक्त करने और अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण दिशा देने में मदद करती हैं।
ज़िला विद्यालय निरीक्षक सर्वदा नंद ने कहा कि सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा से विद्यालयों का वातावरण अधिक संवेदनशील और सहयोगी बनता है। इससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन की चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर पाते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जनपद के विद्यालयों में स्वपूर्ण पाठ्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन से विद्यार्थियों के व्यवहार और सोच में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।
इस चार दिवसीय गैर-आवासीय प्रशिक्षण में बहराइच जनपद के 51 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण के दौरान रोल-प्ले, समूह चर्चा, गोल घेरे में शिक्षण, वीडियो और प्रस्तुतियों के माध्यम से शिक्षकों को सामाजिक-भावनात्मक वातावरण बनाने तथा विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने के व्यावहारिक तरीके सिखाए गए। प्रधानाचार्य मधु यादव (पी.ई.एस.) ने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों को कक्षा-कक्ष में विद्यार्थियों से अधिक अर्थपूर्ण संबंध बनाने में सहायक होगी।
कार्यशाला का संचालन ललित जोशी, रीता वर्मा, डॉ. डिंपल कुमारी एवं प्रदीप कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का मार्गदर्शन ज़िला विद्यालय निरीक्षक सर्वदा नंद के निर्देशन में हुआ और व्यवस्थाएं ज़िला समन्वयक चंद्रेश कुमार पांडेय द्वारा सुनिश्चित की गईं।