
बहराइच। जब बॉलीवुड के असली “Hero No. 1” मंच पर हों, तो माहौल का जादुई हो जाना तय है। कुछ ऐसा ही नज़ारा बहराइच में देखने को मिला, जब बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और ‘डांसिंग किंग’ गोविंदा मेट्रो म्यूजिक एकेडमी के भव्य मंच पर पहुंचे। एकेडमी की संचालिका सोनी श्रीवास्तव के संयोजन में आयोजित इस वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में गोविंदा ने न सिर्फ अपनी मौजूदगी से बच्चों का उत्साह बढ़ाया, बल्कि उनके साथ थिरककर कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि गोविंदा और सोनी श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद जैसे ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ, पूरा सभागार तालियों और उत्साह से गूंज उठा। मेट्रो म्यूजिक एकेडमी के नन्हे कलाकारों ने ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘यूपी वाला ठुमका’ सहित कई लोकप्रिय गीतों पर जबरदस्त प्रस्तुतियां दीं। बच्चों के आत्मविश्वास और ऊर्जा से प्रभावित होकर गोविंदा अपनी कुर्सी छोड़ मंच पर आ गए और बच्चों के साथ ताल से ताल मिलाई।
नन्हे कलाकारों की प्रस्तुति देखकर भावुक हुए गोविंदा ने कहा, “छोटे शहरों में प्रतिभा का समंदर छिपा होता है। जरूरत होती है तो बस सोनी श्रीवास्तव जैसे जौहरी की, जो इन हीरों को तराश सकें।” उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि इस तरह के मंच बच्चों के सपनों को नई उड़ान देते हैं।
कार्यक्रम के दौरान गोविंदा ने मेट्रो म्यूजिक एकेडमी और उसकी संचालिका सोनी श्रीवास्तव की मेहनत की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि यह संस्था सिर्फ नृत्य या संगीत की शिक्षा नहीं दे रही, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास, अनुशासन और सपनों को आकार देने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम के अंत में सोनी श्रीवास्तव ने गोविंदा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और अभिभावकों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया।
गोविंदा ने अपने संबोधन में कहा, “कला की कोई सीमा नहीं होती। आज इन बच्चों के साथ मंच साझा करके मुझे अपने शुरुआती दिनों की याद आ गई। बहराइच में इतनी अद्भुत प्रतिभा देखकर दिल खुश हो गया।”
सुपरस्टार की एक झलक पाने के लिए कार्यक्रम स्थल के बाहर प्रशंसकों की भारी भीड़ जुटी रही। सुरक्षा की दृष्टि से निजी बाउंसरों के साथ स्थानीय पुलिस बल भी पूरी तरह मुस्तैद रहा। कार्यक्रम के समापन पर बच्चों में गोविंदा के साथ सेल्फी और ऑटोग्राफ लेने का खासा उत्साह देखने को मिला।
यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा, बल्कि बहराइच के नन्हे कलाकारों के सपनों को मिली एक नई पहचान और प्रेरणा का स्रोत भी बना।