
कुशीनगर। बुद्धनगरी क्षेत्र में देह व्यापार के गोरखधंधे में लिप्त बताए जा रहे मनोकामना होटल पर कसया पुलिस द्वारा की गई कथित छापेमारी अब सवालों के घेरे में आ गई है। छापेमारी के दौरान होटल के कमरों में युवक-युवतियों को आपत्तिजनक हालत में पकड़े जाने के बावजूद न तो होटल को सील किया गया और न ही संचालक के खिलाफ कोई ठोस कानूनी कार्रवाई की गई। इसे लेकर कसया पुलिस की कार्यशैली और मंशा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने केवल औपचारिकता निभाते हुए “डमी छापेमारी” की, ताकि ऊपर तक कार्रवाई का संदेश चला जाए, जबकि जमीनी स्तर पर होटल और उसके संचालक को खुला संरक्षण दिया गया। सवाल यह है कि जब रंगे हाथ युवक-युवतियां पकड़े गए, तो होटल को सील करने और संचालक पर मुकदमा दर्ज करने से पुलिस क्यों पीछे हट गई। यह स्थिति पुलिस की लापरवाही नहीं, बल्कि कथित संरक्षण की ओर इशारा कर रही है।
बताया जा रहा है कि कसया पुलिस को मनोकामना होटल में देह व्यापार और अन्य अवैध गतिविधियों की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर छापेमारी की गई थी, जिसमें चार जोड़े आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए थे। उस समय पुलिस ने सख्त कार्रवाई का दावा किया था, लेकिन कुछ ही समय में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। न तो होटल सील हुआ और न ही कोई ठोस मुकदमा दर्ज किया गया, जिससे पुलिस की नीयत पर सवाल और गहरे हो गए हैं।
गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है। 22 सितंबर 2023 को तत्कालीन उपजिलाधिकारी योगेश्वर सिंह के निर्देश पर राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम ने मनोकामना होटल पर छापा मारा था। उस दौरान होटल में संदिग्ध हालत में युवक-युवतियां पकड़े गए थे और संचालक द्वारा कोई वैध रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस प्रस्तुत न करने पर होटल को सील कर दिया गया था। अब बड़ा सवाल यह है कि जब होटल पहले ही अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर सील हो चुका था, तो वह दोबारा किसके आदेश और संरक्षण में संचालित हो रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनएच-28 जैसे व्यस्त मार्ग पर स्थित होटल खुलेआम देह व्यापार का अड्डा बना हुआ है और पुलिस की चुप्पी इस पूरे खेल में उसकी भूमिका को संदिग्ध बना रही है। यह मामला केवल एक होटल तक सीमित नहीं है, बल्कि कसया पुलिस की जवाबदेही, ईमानदारी और कानून-व्यवस्था के दावों पर सीधा सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि उच्च अधिकारी इस मामले में संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच कराते हैं या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा।