अवैध क्लीनिक व झोलाछाप डॉक्टर पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान, कार्रवाई नहीं

फतेहपुर-बाराबंकी। जहांगीराबाद क्षेत्र सहित पूरे जनपद में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि योगी सरकार ने निर्देश दिए थे कि झोलाछाप डॉक्टर किसी और काम की तलाश करें। बावजूद इसके जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे डॉक्टरों को संरक्षण देने की खबरें सामने आई हैं। सूचना के नाम पर दो-चार डॉक्टर ही छापेमारी में अनधिकृत दर्शाए जाते हैं, जबकि वास्तविक स्थिति में क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या पांच सौ से अधिक है।
मामला कस्बा जहांगीराबाद क्षेत्र के सुरेंद्र क्लीनिक से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार ऐसे लोगों को झोलाछाप ठहराया जाता है जिनके पास चिकित्सा अध्ययन की वैध डिग्री नहीं होती और जिनका सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण नहीं है।
जहांगीराबाद क्षेत्र में अवैध क्लिनिक का कुनबा आम जनता के सामने दिखता है। क्षेत्रीय जनता की शिकायत पर 20 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम, जाटा-बरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक कुलदीप मौर्य के नेतृत्व में, हनुमानगढ़ी स्थित झोलाछाप डॉक्टर सुरेंद्र के क्लिनिक पर छापा मारा। जांच-पड़ताल के बाद केवल नोटिस देकर टीम वापस लौट गई।
अजीब बात यह रही कि टीम के जाने के बाद भी क्लिनिक खुला रहा और झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डर के जनरल फिजिशियन और डेंटल सर्जन के तौर पर मरीजों का इलाज कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, जाटा-बरौली अधीक्षक को झोलाछाप डॉक्टर ने कुछ डिग्री दिखाकर अवैध क्लिनिक चलाने का सर्टिफिकेट हासिल कर लिया।
स्वास्थ्य विभाग की इस भ्रष्ट नीति के कारण मरीजों की जिंदगी जोखिम में पड़ रही है। डीएम के आदेशों के बावजूद क्लिनिक सीज नहीं किया गया और अधिकारी नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेते हैं।
इस संबंध में सीएमओ अवधेश कुमार यादव ने बताया कि अवैध रूप से किसी को भी चिकित्सा व्यवसाय करने का अधिकार नहीं है। इसके लिए पूरी नियमावली व दिशा-निर्देश हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। हाल ही में कुछ झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अवैध प्रैक्टिस की शिकायत मिली है, जिन पर जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।