अमर भारती : राजधानी दिल्ली को जल संकट से उभारने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है जिसमें कि अब से दिल्ली सरकार यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में जल बचाने की प्रस्तावित योजना को तैयार किया गया है। इसके लिए सरकार किसानों को एक एकड़ का 50 हजार रुपये सालाना किराया दे सकती है।
बता दें कि किराया तय करने के लिए गठित वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंप दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर फैसला लेने के लिए कैबिनेट की बुलाई थी। लेकिन करीब एक घंटे तक चली बैठक में फैसला नहीं हो सका। बुधवार को दोबारा दिल्ली कैबिनेट की बैठक होनी है।
दरअसल सरकार ने इससे पहले भी यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में छोटे-बढ़े गड्ढे बनाकर जल संचय की योजना तैयार की थी। इससे न सिर्फ भूजल स्तर बढ़ेगा, बल्कि पेयजल की किल्लत भी दूर होगी। इसके लिए बाढ़ क्षेत्र में किसानों की जमीन किराए पर लेगी। इसी मानसून में सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना लांच करना चाहती है।
किराया तय करने के लिए सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। सूत्र बताते हैं कि कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। मंगलवार की कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के कुछ बिंदुओं पर सवाल थे। ऐसी स्थिति में बैठक स्थगित कर दी गई। बुधवार सुबह एक बार दिल्ली कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें योजना पर फैसला लिया जा सकता है।
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